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आतंकी हमले में घायल पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी की मौत, पत्नी बोली- मेरा बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया

इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी के पिता भी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर रह चुके हैं. बीती 29 अक्टूबर को इंस्पेक्टर मसरूर ईदगाह मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे, तभी लश्कर के एक अकेले आतंकवादी ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. जिसमें उन्हें तीन गोली लगी थीं.

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इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी को एक आतंकी ने तीन गोली मारी थीं
इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी को एक आतंकी ने तीन गोली मारी थीं

श्रीनगर में अक्टूबर महीने के दौरान आतंकियों की गोली का शिकार बने पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी की गुरुवार को एम्स में मौत हो गई. इंस्पेक्टर मसरूर क्रिकेट खेलते समय लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी की गोली का शिकार हो गए थे. वो गंभीर रूप से घायल थे. उनका इलाज एम्स में चल रहा था. लेकिन मेडिकल टीम की लाख कोशिशों के बावजूद उनकी मौत हो गई. उनकी पत्नी गर्भवती हैं. उनका कहना है कि उनका बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया.

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इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी के पिता भी पुलिस में सब-इंस्पेक्टर रह चुके हैं. बीती 29 अक्टूबर को इंस्पेक्टर मसरूर ईदगाह मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे, तभी लश्कर के एक अकेले आतंकवादी ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. इस हमले में उनकी आंख, पेट और गर्दन में करीब से तीन गोलियां मारीं गई थीं. हमले के वक्त वहां कई युवक खेल रहे थे.

हमले के वक्त इंस्पेक्टर वानी के साथी हमलावर आतंकी के पीछे भागे लेकिन वह हवा में गोली चलाकर वहां से भाग निकला. वानी को सौरा के एक अस्पताल ले जाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा था. बाद में उन्हें बुधवार को एयरलिफ्ट करके दिल्ली के एम्स लाया गया था. जहां उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. उनके परिवार में पत्नी के अलावा पिता और एक भाई हैं.

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पुलिस ने हमलावर आतंकवादी की पहचान बासित डार के रूप में की है, जो दक्षिण कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला है. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

उधर, शहीद इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी की गर्भवती पत्नी ने कहा "मेरा बच्चा पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया." पति की मौत पर वो बेहद गमजदा हैं. वो अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रही है. शहर के डाउनटाउन में ईदगाह की भीड़भाड़ वाली कॉलोनी में उनके घर पर गमगीन माहौल है. क्योंकि वानी के आवास पर बड़ी संख्या में लोग जमा थे. उनके घर का मंजर बेहद दर्दनाक था, जहां शोक मनाने वाले लोग उनकी दुखी पत्नी और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने गए थे.

इंस्पेक्टर मसरूर के चाचा गुलाम मोहम्मद वानी के मुताबिक, उन्हें एक मिलनसार और दयालु व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा. वे हमेशा दूसरों की सहायता करने की इच्छा व्यक्त करते थे. 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आर. आर. स्वैन ने कहा कि वानी की मौत से उनके सहयोगियों और करीबियों को गहरा दुख पहुंचा है. उन्होंने कहा, "आप देखिए कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं और यहां शहीद पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से, हम दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़े हैं." 

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वारदात के दिन सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (संचालन) विजय कुमार ने कहा "उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया. लेकिन दुर्भाग्यवश, हमने आज उन्हें खो दिया." 

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने वानी की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह घाटी का दुर्भाग्यपूर्ण सच है, जहां टारगेट किलिंग जारी हैं. सीपीआई-एम नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि यह घटना कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती है. जेके अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा, "इतने युवा, साहसी और जीवंत पुलिसकर्मी को खोने की भरपाई करना बहुत मुश्किल है.

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