धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में एसआईटी ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी. शनिवार रात से ही पुलिस ने पूरे जिले में अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान 243 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. कई अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई. एसआईटी ने होटलों में भी तलाशी ली. इतना ही नहीं एसआईटी ने रविवार को एक बार फिर से क्राइम सीन का दोबारा निरीक्षण किया. इस दौरान एसआईटी के मुखिया एडीजी संजय आनंद लाटकर खुद भी मौजूद रहे.
एडीजे उत्तम आनंद मौत मामले में एसआईटी ने रविवार को धनबाद सर्किट हाउस में मैराथन बैठक की. बैठक की अगुआई खुद एडीजी संजय आनंद लाटकर कर रहे थे. पुलिस ने शनिवार रात से रविवार सुबह तक धनबाद के सभी 55 थाना क्षेत्रों से कुल 243 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके अलावा अलग अलग मामलों में 17 अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया.
250 ऑटो किए जब्त
पुलिस के मुताबिक, धनबाद के 53 होटलों में जांच की गई. इसके अलावा अलग अलग थाना क्षेत्रों से 250 ऑटो को भी पकड़ कर धनबाद थाना लाया गया. यहां सभी ऑटो के कागजातों की जांच की गई. इसके अलावा एसआईटी ने पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी और एडीजी की मौत मामले में सीसीटीवी फुटेज वायरल करने वाले एक सब इन्स्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया. उमेश मांझी पर ऑटो चोरी की एफआईआर दर्ज करने में देरी और लापरवाही का आरोप लगाया गया.
दो ऑटो चालक हो चुके गिरफ्तार
न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को पुलिस घटना के दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि ऑटो मालिक रामदेव लोहार को शनिवार की रात गिरफ्तार किया गया. इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद भी एडीजे अष्टम की हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.
ऐसे में हत्या क्यों की गई, इसे जानने के लिए पुलिस ने हर प्रकार के अपराधियों की गिरफ्तारी शुरू की है. इसी कड़ी में धनबाद थाना क्षेत्र के अलावा सरायढेला, बैंक मोड़, धनसार समेत सभी पुलिस अंचलों एवं ओपी स्तर तक में रात भर छापेमारी की गई है.
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अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
200 अपराधियों को हिरासत में लिए जाने के बाद इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है. इसके पहले अब तक धनबाद में इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही इतने बड़े पैमाने पर अपराधियों को हिरासत में लिया गया है.