बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब कहीं पर शराब की पेटियां बरामद न होती हो. सरकार की लाख चेतावनी और छापेमारी के बाद भी शराब की तस्करी अवैध तरीके से जारी है. रोजाना पूरे बिहार में हजारों लीटर अवैध शराब की बरामदगी हो रही है. अब ताजा मामला मछली को शराबी बनाकर उन्हें बिहार में सप्लाई करने का है.
ये खबर भले आपको चौंका सकती है, लेकिन ये सच है. जिस मछली के कैरेट को आप मछली का कैरेट समझकर खरीद रहे हैं, वहां आपको मछली की जगह शराब की बोतलें मिल सकती हैं. जी हां, झारखंड से मछली वाली पेटी में शराब की सप्लाई का अनोखा मामला सामने आया है.
तस्करी का अनोखा तरीका
झारखंड से बिहार शराब लाने के लिए तस्करों ने अनोखा तरीका इजाद किया है. तस्कर सबसे पहले मछली ढोने वाली गाड़ी को किराए पर लेते हैं. उसके बाद मछली वाली पेटी को पानी में भिगोकर उसमें मछली वाला पानी डालते हैं. इस तरह से पूरी गाड़ी में मछली का दुर्गंध फैला रहता है.
रास्ते में जांच के दौरान कोई पुलिसकर्मी दरवाजा खोलने को कहता है, तो शुरुआत में रखी हुई दुर्गंध वाला मछली का डब्बा आगे कर देते हैं. पुलिसकर्मी बदबू की वजह से दरवाजा खोलते ही उसे बंद करने का निर्देश देने लगते हैं. उसके बाद तस्कर वहां से चले जाते हैं. जबकि गाड़ी के अंदर मछली की पेटी में शराब भरा रहता है.
झारखंड के शराब माफिया सक्रिय
झारखंड के गिरिडीह से बिहार के जमुई होते हुए टाटा- 407 पर मछली के अंदर शराब छुपाकर लाने का मामला सामने आया है. तस्कर रोजाना मछली के पेटी में हजारों लीटर शराब बिहार में ला रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब लखीसराय की तेतरहाट पुलिस ने गुरुवार के दिन नोनगढड़ चेकपोस्ट के समीप 100 मछली के पेटी जब्त किया. उसके बाद पुलिस की आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा कि जिस पेटी से मछली की गंध आ रही है. उन पेटी में 2400 विदेशी शराब की बोतलें रखी हुई थी.
जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में संतोष मंडल और राजू पंडित नाम के दो झारखंड के तस्करों को गिरफ्तार किया है. जो ताराहाट थाना के रहने वाले बताए जा रहा है. बरामद शराब की कीमत लाखों में बताई जा रही है. मामले में डीएसपी रंजन कुमार ने बताया कि लखीसराय की तेतरहाट थाना पुलिस ने नोनगढ़ चेकपोस्ट पर सघन वाहन चेकिंग अभियान चला रखा था. फिलहाल मामले में शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.