झारखंड में धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले अब सीबीआई जेल में बंद आरोपी ऑटो ड्राइवर और उसके सहयोगी को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. इसके लिए जांच एजेंसी ने शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी.
दरअसल, झारखंड सरकार की सिफारिश और झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की टीम ने गुरुवार से जज उत्तम आनंद हत्याकांड की जांच शुरू की है. इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. दोनों अब जेल में बंद हैं. सीबीआई उन दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेना चाहती है ताकि इस केस की गुत्थी को सुलझाया जा सके.
सीबीआई इस बात का पता लगाना चाहती है कि जज उत्तम आनंद की मौत महज एक हादसा है या एक सोची समझी साजिश. सूत्रों की मानें तो सीबीआई आरोपियों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए भी अदालत में अर्जी लगा सकती है. गौरतलब है कि पहले इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की टीम भी कत्ल की इस पहेली को सुलझाने में नाकाम रही है. केस की गंभीरता को देखते हुए हेमंत सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी.
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बीते बुधवार की देर शाम सीबीआई ने इस मामले में नई एफआईआर दर्ज कर ली थी. सीबीआई के एसपी विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में बनी 20 सदस्यीय टीम बुधवार देर रात ही धनबाद पहुंच गई थी और गुरुवार से टीम ने अपना काम शुरू कर दिया. गुरुवार को सीबीआई की टीम ने सर्किट हाउस में एसआईटी के अधिकारियों के साथ बैठक की. वहीं टीम के कुछ सदस्यों ने धनबाद थाने में केस से संबंधित कागजात एवं सबूतों की घंटो तक जांच की.
सीबीआई की टीम ने धनबाद थाने में तकरीबन 8 घंटे से ज्यादा का वक्त छानबीन में बिताया. जांच से संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद कई कागजातों की कॉपी भी सीबीआई टीम अपने साथ ले गई. इस काम के लिए धनबाद थाने में ही एक जेरोक्स मशीन मंगाई गई थी. जिससे करीब 1000 पेज की केस डायरी कॉपी की गई.
आपको बता दें कि बीती 28 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे धनबाद में सुबह की सैर पर निकले एडीजे उत्तम आनंद को एक ऑटो ने पीछे से आकर जोरदार टक्कर मारी थी. इस घटना में जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी. ये पूरी वारदात वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. जिसकी फुटेज किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही थी.