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खदान आवंटन, मनरेगा घोटाला... ED की गिरफ्त में आईं IAS पूजा सिंघल की बढ़ीं मुश्किलें

Pooja Singhal News: झारखंड के जमीन अधिग्रहण मामले में IAS पूजा सिंघल सहित पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा समेत कई टॉप अधिकारी संदेह के घेरे में हैं. अब इस मामले की सुनवाई 12 मई को कोर्ट में होगी.

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IAS पूजा सिंघल.
IAS पूजा सिंघल.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमीन अधिग्रहण मामले में संदेह के घेरे में हैं कई टॉप अधिकारी
  • कठौतिया कोल माइंस के लिए आवंटित की गई थी 165 एकड़ जमीन

Jharkhand News: झारखंड की चर्चित IAS पूजा सिंघल की चारों तरफ से मुश्किलें बढ़ गई हैं. मनरेगा और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रही है. लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने औपचारिक रूप से IAS अधिकारी पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अब खदान आवंटन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 12 मई को होगी. पलामू में DC रहते हुए उन्होंने कठौतिया माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण करवाया था. 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में पलामू के कठौतिया कोल माइंस मामले की सुनवाई होगी.

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जानकारी के अनुसार, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के इस मामले में खान सचिव पूजा सिंघल, झारखंड की पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा समेत कई टॉप अधिकारी संदेह के घेरे में हैं. जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी को लेकर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में 2017 में एसएलपी (Special Leave Petition) दायर किया था, जिसके बाद अंतिम बार 12 जुलाई 2019 में सुनवाई हुई थी. पलामू के पड़वा स्थित कठौतिया कोल माइंस के लिए 165 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. माइनिंग के लिए आवंटित जमीन में वन भूमि और भूदान की जमीन शामिल थी.

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इस मामले को लेकर एटक के राजीव कुमार ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 2015 में राज्यपाल को पत्र लिखा था. राज्यपाल ने मामले की जांच की जिम्मेदारी राजस्व सचिव और कार्मिक सचिव को दी थी. दोनों अधिकारियों के निर्देश पर पलामू के तत्कालीन आयुक्त एनके मिश्रा ने आवंटित जमीन को लेकर कई गड़बड़ियां पकड़ी थीं और मामले में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पलामू की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदय कांत पाठक, पड़वा सीओ आलोक कुमार समेत कई कर्मियों को दोषी माना गया था. हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं करते हुए सभी को क्लीन चिट दे दी थी.

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साल 2016 में पूरे मामले को लेकर राजीव कुमार झारखंड हाई कोर्ट गए थे. झारखंड हाई कोर्ट में राजीव कुमार की याचिका को रद्द करते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बाद में राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (Special Leave Petition) दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार के एसएलपी को स्वीकार करते हुए पूरे मामले की सुनवाई शुरू की थी.

कठौतिया कोल माइंस के लिए 500 एकड़ जमीन ली गई थी, जबकि सरकार ने 165 एकड़ जमीन आवंटित की थी. 82 एकड़ जमीन में बंदोबस्ती हुए थे, जबकि बाकी की जमीन को बंजर दिखाते हुए कंपनी को आवंटित कर दिया गया था. सूत्र बताते हैं कि ED भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है. चतरा में भी 4 करोड़ के मनरेगा fund के misappropriat ion की बात सामने आई थी. तमाम मामले को ED द्वारा खंगाले जाने की सूचना है.

पूजा के पति के Pulse अस्पताल को लेकर जांच रिपोर्ट तलब

पूजा के पति के अस्पताल को लेकर जांच रिपोर्ट तलब, 48 घंटे में पेश करने के निर्देश

पल्स हॉस्पिटल की जमीन पर विवाद को लेकर CM हेमंत सोरेन ने फरवरी 2020 में जांच के आदेश दिए थे. अब इस मामले की जांच रिपोर्ट को DC रांची से 48 घंटों में देने को कहा गया है. दरअसल, ED की कार्रवाई के बाद रांची जिला प्रशासन पल्स अस्पताल पर कार्रवाई के मूड में दिख रहा है. रांची DC छवि रंजन ने District Additional Collector से पल्स हॉस्पिटल की भूमि से संबंधित जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट देने को कहा है. DC ने अपर समाहर्ता   (Additional collector) को निर्देश दिया है कि पत्र मिलने के 48 घंटे में जांच प्रतिवेदन से संबंधित जानकारी दी जाए.

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राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड/मुख्यमंत्री सचिवालय ने पल्स अस्पताल की भूमि के संबंध में जांच करने का निर्देश दिया था. इस पर अंचल अधिकारी बड़गाईं और तत्कालीन अपर समाहर्ता रांची (Additional collector) ने संयुक्त रूप से जांच की थी. जांच प्रतिवेदन संभवत: राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग व मुख्यमंत्री सचिवालय को उपलब्ध कराया गया.

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IAS पूजा सिंघल (Puja Singhal) के पति अभिषेक झा का बरियातू रोड पर पल्स अस्पताल है. आरोप है इस अस्पताल का निर्माण भुईंहरी जमीन पर हुआ है. भुईंहरी जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती. इसके बाद भी जालसाजी करके जमीन की खरीद की गई. सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई. DC रांची छवि रंजन ने आजतक को बताया कि फरवरी 2020 में ही मुख्य्मंत्री ने निर्देश दिया था और जांच करने को कहा था कि पल्स हॉस्पिटल क्या भुईंहरी जमीन पर बना है. अगर बना है तो जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो. इसके बाद जांच प्रतिवेदन DC को नहीं दिया गया था. रांची DC छवि रंजन ने कहा कि Additional collector को उस प्रतिवेदन को सौंपने को 48 घंटे के अंदर कहा गया है.

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