
झारखंड के लोहरदगा में पुलिस को निशाना बनाने के लिए माओवादियों ने दो शक्तिशाली केन बम प्लांट किए थे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जिला पुलिस के जवानों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान इन बमों को डिफ्यूज कर दिया है. ये शक्तिशाली केन बम पेशरार-चैनपुर रोड पर सुदूरवर्ती कादोझरिया टोली के पास प्लांट किए गए थे.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से नक्सलियों ने कादोझरिया टोली के पास केन बम प्लांट कर दिया था. क्षेत्र में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे सीआरपीएफ 158 बटालियन, सेट 191 और जिला पुलिस बल के दल ने नक्सलियों की ओर से प्लांट किए गए आईईडी को ढूंढ निकालने में कामयाबी पाई. नक्सलियों की ओर से प्लांट किए गए केन बम 22 जुलाई को डिफ्यूज किए गए.
बताया जाता है कि करीब पांच-पांच किलो के इन बमों की चपेट में आने पर जवानों को भारी नुकसान हो सकता था. सर्च ऑपरेशन में लगी टीम की अगुवाई सीआरपीएफ के आरवी फिलिप और लोहरदगा मुख्यालय डीएसपी कर रहे थे. नक्सलियों ने पेशरार-चैनपुर के बीच जिस कच्ची सड़क के किनारे बम प्लांट किए थे वहां से अक्सर जवान गुजरते हैं. इसी सड़क पर थाने के साथ ही सीआरपीएफ कैंप और दो पुलिस पिकेट भी हैं.
इसी जगह शहीद हुए थे एसपी
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में आईईडी नक्सलियों का पुलिस के खिलाफ प्रमुख हथियार है. 4 अक्टूबर 2000 को नक्सलियों ने इसी जगह पर लोहरदगा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय कुमार सिंह को घेरा था. इस नक्सली हमले में घायल एसपी शहीद हो गए थे. पिछले एक महीने में लोहरदगा और पड़ोस के गुमला जिले में नक्सलियों की ओर से प्लांट किए गए बम की चपेट में आने से दो ग्रामीणों की जान जा चुकी है और एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है.
सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट प्रभात कुमार संदवार और पेशरार थाने के प्रभारी ने आजतक को फोन पर बताया कि ये शक्तिशाली बम नक्सलियों ने पुलिस को निशाना बनाने के लिए प्लांट किए थे. गौरतलब है कि झारखंड राज्य के गठन के बाद लोहरदगा में नक्सलियों के आईइडी विस्फोट में नौ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और 60 से अधिक घायल हुए हैं.