झारखंड के बोकारो में पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से मिली जानकारी के आधार पर छापेमारी कर छह किलो यूरेनियम के साथ सात लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी यूरेनियम बेचने की फिराक में थे. बरामद यूरेनियम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में बताई जाती है. गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस ने कोरोना टेस्ट के बाद जेल भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक तीन थानों की पुलिस ने 2 जून को बालीडीह थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर में हरेराम शर्मा के घर छापेमारी कर उसे और उसकी पत्नी को पकड़ा. हरेराम की निशानदेही पर चास, हरला और बालीडीह थाने की पुलिस ने छापेमारी करके पांच अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि दिल्ली से मिले सैटेलाइट लोकेशन के आधार पर सबसे पहले हरेराम शर्मा और उसकी पत्नी को हिरासत में लिया गया.
हरेराम शर्मा और उसकी पत्नी से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर सेक्टर नौ से दीपक महतो, पंकज कुमार और अन्य को हिरासत में लिया गया. जानकारों की मानें तो जमशेदपुर के जादूगोड़ा से तस्करी का जुड़ाव हो सकता है. एनआईए भी इस मामले में जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में यूरेनियम और अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी के बाद जांच में बोकारो कनेक्शन सामने आया था.
बोकारो पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से इस हाईप्रोफाइल विस्फोटक मामले में गहन पूछताछ की. करीब दो दिन तक पूछताछ के बाद आरोपियों की कोरोना जांच कराकर उन्हें जेल भेज दिया गया. यूरेनियम कहां से आया और कैसे आया, पुलिस इसकी तहकीकात कर रही है और पुलिस विभाग के लोग इस संबंध में अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो मुख्य सरगना की ओर से इन्हें यूरेनियम छोटे-छोटे पैकेट में उपलब्ध कराकर बेचने का जिम्मा सौंपा था. कुछ यूरेनियम लाल रंग के लेदर पैकेट में 1.6 किलो तक थे तो कुछ पैकेट 900 ग्राम थे. इसी तरह छोटे-छोटे पैकेट में यूरेनियम अलग किया गया था. इसका कुल वजन 6 किलो बताया जा रहा है. जब्त यूरेनियम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये बताई जा रही है. जब्त एक्सप्लोसिव यूरेनियम लाल और ब्राउन रंग का है. यह काफी चमकीला बताया जा रहा है.
एसपी ने वीडियो जारी कर दी जानकारी
इस मामले में बोकारो के पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदन कुमार झा ने वीडियो जारी कर बताया कि अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनके पास से छह किलो यूरेनियम सीज किया गया. सभी को जेल भिज दिया गया है.
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बोकारो पुलिस को सेंट्रल इनपुट के जरिए मेजर मिनरल्स से स्मगलिंग की सूचना मिली थी. इस अति संवेदनशील सूचना और भेजे गए सैटेलाइट लोकेशन के आधार पर छापेमारी की गई थी. साथ ही बताया गया की दिल्ली में यूरेनियम और अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी के बाद जांच में बोकारो का नाम आया था. अब आईबी की रिपोर्ट पर बोकारो पुलिस विस्फोटक का इंटरनेशनल कनेक्शन खंगालने में जुटी है.
गिरफ्तार आरोपी ने क्या कहा
गिरफ्तार आरोपियों में से एक वापी दत्ता ने बताया कि उसे ये डायमंड कह कर बेचने के लिए दिया गया था. उससे 30 हजार रुपये ले भी लिए गए थे. वापी दत्ता ने कहा कि उससे इसे 15 से 20 लाख रुपये में बेचने के लिए कहा गया था. अन्य लोगों को भी उसे मार्केट में बेचने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि, बोकारो शहर के पॉश इलाके में यूरेनियम जैसे हाईली एक्सप्लोसिव का मिलना निश्चित तौर पर पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गया है.