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जम्मू: होल्डिंग सेंटर भेजे गए 155 रोहिंग्या, दस्तावेज खंगाल रही पुलिस

रोहिंग्याओं की जांच के मसले पर पुलिस का कहना है कि यह एक नियमित सत्यापन अभियान है. जो हर साल किया जाता है. JK पुलिस की इस कार्रवाई में जम्मू में रह रहे रोहिंग्याओं के दस्तावेजों को चेक किया जा रहा है. 

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रोहिंग्या (फ़ाइल फ़ोटो)
रोहिंग्या (फ़ाइल फ़ोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जम्मू में रोहिंग्याओं की जांच
  • दस्तावेजों की हो रही जांचः पुलिस

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शनिवार को जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में रोहिंग्या का वेरिफिकेशन किया. जम्मू में सैकड़ों रोहिंग्या को स्टेडियम लाया गया था. इस दौरान मीडिया को स्टेडियम में प्रवेश नहीं करने दिया गया, लेकिन बाहर निकलने वालों ने बताया कि उनके डॉक्यूमेंट्स की जांच की जा रही है और एक फॉर्म भी भरवाया गया. वेरिफिकेशन के बाद निकले रोहिंग्या ने बताया कि उससे उसकी डिटेल्स भी पूछी गईं.

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पुलिस ने इसे नियमित किया जाने वाला वेरिफिकेशन बताया. हालांकि, शाम होने पर पुलिस ने कोई भी दस्तावेज दिखाने में विफल रहे 155 रोहिंग्या को कठुआ जिले की हीरानगर सब जेल भेज दिया. हीरानगर सब जेल को रोहिंग्या के लिए होल्डिंग सेंटर में तब्दील कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो यह बगैर किसी वैध दस्तावेज के जम्मू में रह रहे 155 रोहिंग्या को देश से निकालने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है.

रोहिंग्या के वेरिफिकेशन का यह अभियान आने वाले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है. रोहिंग्या के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सिविल सोसाइटी ने स्वागत किया है. सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर और जम्मू कश्मीर बीजेपी के प्रवक्ता अनिल गुप्ता ने कहा कि इंतजार आखिरकार खत्म हुआ. रोहिंग्या को देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जम्मू के लोग लंबे समय से यह मांग कर रहे थे. 

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वहीं, एकजुट जम्मू के चेयरमैन और जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने भी पुलिस की कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि हम लंबे समय से यह मुद्दा उठा रहे थे कि रोहिंग्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. हमें खुशी है कि जम्मू में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या को चिह्नित कर होल्डिंग सेंटर भेजा गया. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई बस 155 रोहिंग्या तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. जम्मू में हजारों रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे हैं. सभी रोहिंग्या को म्यांमार भेजा जाना चाहिए.

गौरतलब है कि साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि प्रदेश में 5700 रोहिंग्या और 322 अन्य विदेशी नागरिक रहते हैं. बीजेपी विधायक सतपाल शर्मा के सवाल का सीएम महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में लिखित जवाब दिया था. सीएम मुफ्ती ने तब यह कहा था कि प्रदेश के दो जिलों में रोहिंग्या हैं. रोहिंग्या जम्मू और सांबा जिले में रह रहे हैं.

यूपी में भी पकड़े गए थे रोहिंग्या

हाल ही में देश के कुछ हिस्सों से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को पकड़ा गया था. इनमें में कुछ ने तो फर्जी आधार कार्ड भी बनवा लिए थे. वहीं, यूपी के मुरादाबाद जिले में रोहिंग्या शरणार्थियों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिए गए. इतना ही नहीं करीब 16 रोहिंग्याओं को वोटर आईडी कार्ड भी जारी कर दिए गए. ये मामला जब अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो जांच शुरू कर दी गई. इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान और बीएलओ की मिलीभगत का आरोप लगा है.

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इससे पहले जनवरी में दिल्ली के उत्तम नगर से अवैध रूप से रह रहे 2 रोहिंग्या पकड़े गए, जो म्यांमार के रहने वाले थे. दोनों को जेल भेज दिया गया. वहीं, ईस्ट दिल्ली के पटपड़गंज में 6 रोहिंग्या के खिलाफ FIR दर्ज की गई. ये सभी अवैध तरीक रह रहे थे. इन्हें लामपुर डिटेंशन सेंटर में भेजा गया. इनके पास भारतीय होने का कोई दस्तावेज नहीं था.

बता दें कि साल 2017 में जब म्यांमार से रोहिंग्या संकट शुरू हुआ था, तब दस लाख से अधिक रोहिंग्याओं को बांग्लादेश ने अपने इलाकों में शरण दी थी. तब से रोहिंग्या उसी शेल्टर में हैं. म्यांमार से निकाले गए रोहिंग्या आसपास के कई इलाकों में फैले, लेकिन सबसे अधिक बांग्लादेश में गए. तब भारत में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं के आने की बात कही गई थी.


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