Rajasthan News: जोधपुर पुलिस के अमानवीय चेहरे से हर कोई हतप्रभ है. गुमशुदगी दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने एक लापता बुजुर्ग को ढूंढने में पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की. साथ ही 9 दिन बाद परिजनों को बताया कि गुमशदा की मौत हो चुकी है और शव मॉर्चरी में पड़ा है.
मामला 21 अक्टूबर का है. जोधपुर के पांचवा पुलिया इलाके में रहने वाले गोपाल जेठवा (75) अचानक लापता हो गए थे. बेटे राजेश जेठवा ने पिता को खोजा और सफलता न मिलने पर देवनगर पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
पिता को खोजने के लिए बेटे ने गुहार लगाई थी कि जोधपुर शहर के सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाएं, लेकिन पुलिस ने अपने लापरवाही भरे रवैए के चलते कोई मदद नहीं की. पीड़ित परिवार को शहर के सीसीटीवी के कमांड सेंटर में फुटेज दिखाने के लिए परमिशन लाने की बात कही गई. इसके बाद हार थककर सीसीटीवी लगाने का काम करने वाले राजेश जेठवा ने ही अपने स्तर पर पतासाजी शुरू की. इसी दौरान राजेश को एक प्राइवेट अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज से अपने पिता का सुराग लगा.
वहीं, गुमशुदगी के 9 दिन बाद पुलिस ने अचानक बताया कि लापता बुजुर्ग का शव 4 दिन से अस्पताल की मॉर्चरी में पड़ा है. इस बारे में फरियादी को बताना भूल गए थे. जबकि अस्पताल प्रबंधन लावारिस शख्स की मौत से संबंधी जानकारी नजदीकी थाने को एक दो दिन में दे देता है. इसके बाद पुलिस पता लगाकर शव की पहचान करवाती है. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने फरियादी राजेश जेठवा से कहा कि बुजुर्ग के शव की जानकारी अस्पताल से 4 दिन पहले ही मिल गई थी लेकिन आपके बताना भूल गए थे.
स्थानीय मीडिया के अनुसार अब पुलिस की असंवेदनशीलता से गुस्साए परिजन अपने परिवार के मृतक मुखिया का पोस्टमार्टम न करवाने पर अड़ गए हैं. बिना पोस्टमार्टम के ही परिवार मृतक के शव को घर ले जाना चाहता है. इस मामले में जोधपुर पश्चिम के डीसीपी गौरव यादव का कहना है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.
सड़क हादसे में हुई मौत
परिजनों का कहना है कि बुजुर्ग की मौत शहर के प्रतापनगर इलाके में वाहन की टक्कर से हुई है. हादसे में घायल बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन इलाज मिलने से पहले उनकी मौत हो गई. तभी से उनका शव मोर्चुरी में रखा हुआ था.