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UP Police का शरलॉक होम्स है Johny... मर्डर, किडनैपिंग जैसे संगीन केस सुलझा चुका है ये डॉग

डॉग्स यानी शानदार दोस्त. सेना का Zoom हो या यूपी पुलिस का Johny. दोनों ही देश और समाज के दुश्मनों के 'जॉनी दुश्मन'. जूम तो आतंकियों के गोलियों से जख्मी होकर शहीद हो गया. लेकिन जॉनी ने हाल ही में तीन बड़े केस सुलझाए हैं. कासगंज मर्डर, किडनैपिंग और बच्चों को लापता होने के केस.

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ये है यूपी के कासगंज पुलिस के डॉग स्क्वॉयड का शरलॉक होम्स जानी.
ये है यूपी के कासगंज पुलिस के डॉग स्क्वॉयड का शरलॉक होम्स जानी.

कुत्तों से बेहतर दोस्त इंसान का कोई हो ही नहीं सकता. उत्तर प्रदेश के जिले कासगंज की पुलिस के डॉग स्क्वॉयड का जॉनी (Johny) अपराधियों का 'जानी दुश्मन' है. केस सुलझाने के मामले में शरलॉक होम्स से कम नहीं है. 9 साल का जॉनी कई केस सुलझा चुका है लेकिन तीन मामले बड़े हैं. पहला नूरपुर गांव के नाबालिग की हत्या का मामला. दूसरा एक गांव के चार साल के बच्चे की किडनैपिंग का केस. तीसरा दो छोटे भाई-बहन के लापता होने का केस. जॉनी किसी समझदार जासूसी किरदार से कम नहीं है. आइए जानते हैं कि ये कैसे बना ट्रैकर डॉग... 

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जॉनी (Johny) को संभालते हैं, उसके हैंडलर कॉन्स्टेबल अनुराग यादव. अनुराग और जॉनी दोनों साल 2014 से एकसाथ हैं. बात शुरू होती है ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ के राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र से. जब अनुराग पहली बार एक साल के जॉनी से मिले थे. जॉनी को हैदराबाद से लाया गया था. यह एक जर्मन शेफर्ड है. अनुराग को हैंडलर बनना था और जॉनी को ट्रैकर डॉग. दोनों की दोस्ती टेकनपुर में चली 9 महीने लंबी ट्रेनिंग के दौरान हुई. 

कासगंज पुलिस का ट्रैकर डॉग जॉनी.
कासगंज पुलिस का ट्रैकर डॉग जॉनी. 

9 महीने की ट्रेनिंग में अनुराग ने पहले जॉनी को तीन महीने तक ओबिडिएंस (Obedience) यानी आज्ञा मानने की ट्रेनिंग दी. यानी कहने पर उठना-बैठना, दौड़ना-चलना, हैंडरलर की बातें मानना. सैल्यूट करना. इसके बाद छह महीने होती है इंसानी गंध (Human Scent) पहचानने की ट्रेनिंग. असल में क्या है मर्डर हो, किडनैपिंग हो या किसी भी तरह का अपराध क्यों न हो. अगर अपराधी इंसान है तो वह अपनी गंध वहां छोड़ देता है. 

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कैसे काम करता है जॉनी... सुनिए हैंडलर की जुबानी

गंध नहीं तो पैरों के निशान छोड़ देता है. जॉनी (Johny) को यही गंध पहचानने की ट्रेनिंग मिली हुई है. वह किसी भी क्रिमिनल के निजी गंध को पहचान का उसका पीछा कर लेता है. कासगंज एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि नाबालिग मर्डर केस में जॉनी ने हमें बेहद महत्वपूर्ण सबूत दिलाए. सुराग तक पहुंचाया. इसके बाद हमने क्रिमिनल्स को पकड़ लिया. जब अनुराग से पूछा गया कि जॉनी कब तक यूपी पुलिस में काम करेगा. अनुराग ने बताया कि सर बीएसएफ ने बताया है कि जॉनी की उम्र 12 से 14 साल तक होगी. लेकिन जब तक उसका शरीर साथ देगा, वो काम करता रहेगा. मैं उसका साथ देता रहूंगा. ख्याल रखता रहूंगा. 

अपने हैंडलर अनुराग यादव के साथ परेड में शामिल होता जॉनी.
अपने हैंडलर अनुराग यादव के साथ परेड में शामिल होता जॉनी. 

क्या है जॉनी की डाइट, एक्सरसाइज की रूटीन

जॉनी (Johny) को हर दिन 425 रुपये मिलते हैं. जिसमें उसका खाना-पीना, दवाइयां, कपड़े आदि मैनेज होता है. अनुराग ये काम करते हैं. असल में ये रुपये खाने के लिए मिलते हैं. लेकिन कई बार इसमें से बचे पैसों का इस्तेमाल जॉनी के टीका, दवाओं आदि में भी किया जाता है. अनुराग कहते हैं कि जॉनी का देखभाल करने के लिए पैसे की दिक्कत कभी नहीं आती. सरकार की तरफ से पर्याप्त पैसे मिल रहे हैं. जब यह पूछा गया कि जॉनी क्या और कितना खाता है. उसकी फिटनेस का राज क्या है. तब अनुराग ने बताया कि सरकारी मेनू है. सुबह दूध, दो उबले अंडे, 125 ग्राम हरी सब्जी और आटे की रोटियां. शाम को 600 ग्राम बकरे का मीट, रोटी और हरी सब्जी. ये डाइट बीएसएफ ने ही तय किया है. 

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जॉनी (Johny) हर रोज ओबिडिएंस और ह्यूमन सेंट की प्रैक्टिस पुलिस लाइन में करता है. अगर कोई घटना होती है तो उसे वहां ले जाते हैं. नहीं तो दिन में प्रैक्टिस के बाद आराम. बीमार पड़ने पर टीकाकरण होता है. कीड़े की दवाई दी जाती है. जो भी बिल बनता है. उसे सरकार को सौंप देते हैं. खाने में बचे हुए पैसे दवाओं में इस्तेमाल होते हैं. सर्दी में उसका कोट और कंबल सब उसी पैसे में हो जाता है. मौसम के अनुसार उसे 5 या 6 बजे उठाया जाता है. मालिश-वालिश करके तैयार किया जाता है. हर दिन ड्यूटी से संबंधित अभ्यास कराया जाता है. 

कासगंज मर्डर केस सुलझाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जॉनी कोे सैल्यूट करते एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति.
कासगंज मर्डर केस सुलझाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जॉनी कोे सैल्यूट करते एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति. 

अनुराग यादव ने हैंडलर बनने की ट्रेनिंग जॉनी के साथ ही टेकनपुर में ली है. 9 महीने साथ रहकर उन्होंने 9 बार टेस्ट दिया. जब जॉनी ने आखिरी परीक्षा पास कर ली तब दोनों को ट्रेन्ड ट्रैकर डॉग और अनुराग को ट्रेन्ड हैंडलर का प्रमाण पत्र मिला. अनुराग ने बताया कि ट्रैकर डॉग को तीन तरह के प्रमाण पत्र मिलते हैं. ए, बी और सी. सबसे ऊपर होता है अल्फा डॉग. जॉनी को दूसरी कैटीगरी का प्रमाण पत्र मिला है. यानी बीटा डॉग. 

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जॉनी (Johny) के तीन बड़े केस को समझिए...

पहला केस- नाबालिग का मर्डर 

11 अक्टूबर 2022 को कासगंज के थाना गंजडुंडवारा क्षेत्र के ढकरई-धुबियाई मार्ग पर नूरपुर गांव के दुर्वेशन कुमार का शव मिलता है. जब पुलिस को पहले कोई सुराग नहीं मिला तब उन्होंने जॉनी की हेल्प ली. एसपी बीबीटीजीएस मूर्ति ने अनुराग को कहा कि इस मामले जॉनी की मदद की जरुरत है. अनुराग जॉनी के लेकर मौके पर पहुंच गए. नाबालिग के गले में बंधी रस्सी और उसके शव की गंध से जॉनी हत्यारों के गांव पहुंच गया. पुलिस को वो सुराग मिल जिसकी तलाश थी. आरोपियों को पकड़ लिया गया. इस केस में अनुराग की मदद सहायक हैंडलर रामप्रताप सिंह ने भी की थी. 

दूसरा केस- चार साल के बच्चे की किडनैपिंग

अनुराग बताते हैं कि पिछले साल अगस्त में एक चार साल के बच्चे की किडनैपिंग हो गई. रात में पौने 11 बजे डॉग स्क्वॉयड को सूचना मिली. जॉनी को लेकर बच्चे के घर गए. उसके पहने हुए कपड़ों से उसकी गंध दिलाई गई. इसके बाद जॉनी गांव की ओर भागने लगा. करीब 300 मीटर दूर जाकर एक आम के पेड़ के पास पहुंचा. लेकिन उसके आगे उसे गंध नहीं मिल रही थी. तब वह दूसरे रास्ते से गांव के अंदर पहुंचा. मंदिर के पास एक बाजरे के खेत तक पहुंचा, जहां से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी. बच्चे की किडनैपिंग करने वाले पुलिस को आता देख बच्चे को छोड़कर भाग गए थे. जॉनी ने छोटे से बच्चे को बरामद कराया. इस केस में अनुराग की मदद डॉग हैंडलर अरविंद कुमार ने भी की थी. 

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जॉनी के अलावा 2-3 डॉग्स और हैं, जो इसके साथ जिले के अपराध पर लगाम लगा रहे हैं.
जॉनी के अलावा 2-3 डॉग्स और हैं, जो इसके साथ जिले के अपराध पर लगाम लगा रहे हैं.

तीसरा केस- रास्ता भटक गए भाई-बहन की खोज

कासगंज के ही एक गांव के दो छोटे भाई-बहन एक साथ फूल तोड़ने निकले थे. वो जब काफी देर तक घर नहीं लौटे तब जॉनी ने उन्हें खोजना शुरू किया. जॉनी ने पूरा लोकेशन दे दिया. गांव के बच्चों ने बताया कि दोनों भाई-बहन फूल तोड़ रहे थे. जॉनी ने जो खेत बताया वहीं से दोनों जीवित मिल गए थे. अनुराग ने बताया कि कप्तान साहब लगातार हमें अलग-अलग केस में लगाते रहते हैं. मोटिवेट करते हैं. 

जरूरी है डॉग स्क्वॉड को मोटिवेट करनाः एसपी मूर्ति 

केस को सुलझाने में जॉनी की काबिलियत और परफॉर्मेंस मायने रखती हैं.  मेरा काम मोटिवेट करना है. मैं कुछ सजेस्ट भी करता हूं. जैसे केस को कैसे सॉल्व किया जाए. उससे भी अनुराग को मदद मिलती है कि वो कैसे जॉनी को हैंडल करें. मर्डर केस में हम डॉग स्क्वॉड को मोटिवेट करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेकर आए. हमारी फोरेंसिक यूनिट और केनाइन टीम को ज्यादा पहचान नहीं मिलती. जॉनी ने सुराग तक पहुंचाया. बाकी हम कर लेते हैं. 23 को जॉनी का बर्थडे आ रहा है- हम हमारी टीम के साथ उसका बर्थडे मनाएंगे. 

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