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UP: महाराजगंज के ज्योतिमा हॉस्पिटल पर प्रशासन का सख्त एक्शन, लाइसेंस रद्द

UP News: महाराजगंज जिले के ज्योतिमा हॉस्पिटल पर ड्रग विभाग की छापेमारी और वहां भारी मात्रा में सरकारी दवाएं मिलने के बाद अस्पताल का लाइसेंस प्रशासन ने रद्द कर दिया है.

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ज्योतिमा हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान मिलीं सरकारी दवाएं
ज्योतिमा हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान मिलीं सरकारी दवाएं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में मिलीं थी सरकारी दवाएं
  • अस्पताल और अल्ट्रासाउंड मशीन सील
  • जांच के लिए प्रमुख सचिव और एमडी स्वास्थ्य को भेजा पत्र

उत्तर प्रदेश में महाराजगंज जिले के ज्योतिमा हॉस्पिटल में भारी मात्रा में सरकारी दवाएं मिलने के बाद प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है. अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. पनियरा स्थित इस प्राइवेट अस्पताल में सरकारी दवाएं बरामद हुई थीं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट के खिलाफ जांच चल रही है.

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जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि पनियरा नगर पंचायत के एक निजी अस्पताल में सरकारी दवाएं बेची जा रही हैं. सरकारी दवाओं से वहां मरीजों का इलाज हो रहा है. इतना ही नहीं, अप्रशिक्षित लोग निजी अस्पताल में मरीजों का ऑपरेशन कर रहे हैं. ऐसे में डीएम सत्येंद्र कुमार ने ड्रग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर को कार्रवाई का निर्देश दिया. असिस्टेंट कमिश्नर चार जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार सदर के साथ पनियरा थाना पहुंचे और ज्योतिमा हॉस्पिटल में छापेमारी की गई. इस दौरान अस्पताल संचालक फरार हो गया, लेकिन मौके से एक निजी अस्पताल कर्मी गिरफ्त में आ गया. जांच के दौरान निजी अस्पताल के अंदर संचालित मेडिकल स्टोर में 21 प्रकार की दवाएं मिलीं, जिसमें भारी मात्रा में सरकारी दवाएं थीं.

जांच में हुआ खुलासा
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि सरकारी दवाएं मिलीभगत से प्राइवेट हॉस्पिटल को बेची गई. असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर ने पनियरा थाने में हॉस्पिटल संचालक समेत दो के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इस मामले की जांच औषधि विभाग के अलावा पनियरा पुलिस कर रही है. डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच का भी आदेश दिया है. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि पनियरा के ज्योतिमा हॉस्पिटल से बरामद दवाएं महाराजगंज स्वास्थ्य विभाग के स्टोर से बेची गई या फिर किसी दूसरे जिले से सरकारी दवाएं निजी हॉस्पिटल को सप्लाई की गई है. इस मामले की जांच के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्धारित फॉर्मेट पर रिपोर्ट मांगी गई. इस जांच से स्वास्थ्य केन्द्रों में हड़कंप मचा है.

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डीएम सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि अभी तक हुई कार्रवाई के बाद जांच अभी चल रही है. एक फार्मासिस्ट के खिलाफ एक ही जगह लंबे समय से तैनाती के साथ अन्य शिकायतें मिली हैं. उसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के लिए प्रमुख सचिव के अलावा एमडी को अलग-अलग पत्र लिखा गया है.

 

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