दिल्ली के कंझावला केस में पुलिस की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब इस मामले में कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पीसीआर के जवाब में हुई देरी पर रिपोर्ट मांगी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने इस केस से जुड़े CCTV फुटेज के संरक्षण का आदेश दिया, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके. यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली पुलिस इस मामले में सवालों के घेरे में है. केस होने से पुलिस की थ्योरी पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं, आईए जानते हैं कि इस मामले में पुलिस कैसे घिरती दिख रही है...
- एक्सीडेंट की रात, पुलिस ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
दिल्ली के कंझावला में 1 जनवरी को सुबह एक राहगीर ने कार के पीछे लाश घिसटती हुई देखी. इसके बाद उसने पुलिस को करीब 3.24 बजे कॉल की. दीपक नाम के युवक ने बताया कि वो लगभग 3.15 बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उन्होंने एक कार को आते देखा. पीछे के पहियों से जोर की आवाज आ रही थी. इसके बाद उसने ही पुलिस को कार के पीछे शव लटके होने की सूचना दी. हादसे के बाद वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा, कोई मौके पर नहीं आया. दीपक ने कहा कि उसने बेगमपुर तक बलेनो कार का पीछा किया. आरोप है कि पीसीआर वैन में मौजूद पुलिस ने रिस्पॉन्स नहीं दिया और केस के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. दीपक का दावा है कि शव के उलझने तक कार इधर-उधर दौड़ती रही. शव गिरने के बाद आरोपी मौके से भाग गए. प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कार सामान्य गति में थी और देखने से लग रहा था कि वे होश में हैं. अब पीसीआर के जवाब में हुई देरी पर कोर्ट ने जवाब मांगा है.
- क्या कागजों में थी भारी पुलिस बल पुलिस की तैनाती
अंजलि का मौत 1 जनवरी को हुई थी. उसके शव को दिल्ली की सड़कों पर 12 किमी तक घसीटा गया था. लेकिन चौंकाने वाली बात तो ये है कि ये सब उस रात हुआ, जब पूरा देश न्यू ईयर का जश्न मना रहा था. दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे. जहां अंजलि को घसीटा गया था, उस 12 किमी के दायरे में तीन थानों की पुलिस तैनात थी. पुलिस की 9 पीसीआर वैन और कागजों पर ही सही दिल्लीवालों की हिफाजत के लिए गश्त करती रहीं. इन सबके बीच एक कार में सवार हैवान 20 साल की एक लड़की को देश की राजधानी की एक पथरीली सड़क पर घसीटते रहे.
इसके बाद पुलिस ने कॉल के आधार पर तत्काल आसपास के इलाकों में तैनात टीम को अलर्ट किया और कार की तलाश में जुट गई. कब लडकी की मौत हुई, किस पल वो लाश बन गई और कैसे वो लाश एक मोटरकार के पहिए के नीचे फंस कर लगभग दो घंटे तक पथरीली सड़क पर भागती रही. तीन थानों की पुलिस ना देख सकी. 12 किलोमीटर के दायरे में 9 पीसीआर वैन को भी इसका पता नहीं चला.
- कोर्ट में सभी CCTV फुटेज पेश नहीं कर पाई पुलिस
कोर्ट ने अंजलि केस में सभी सीसीटीवी फुटेज जब्त न कर पाने और पेश न कर पाने को लेकर दिल्ली पुलिस की फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि पहले दिन से कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं. कोर्ट ने इन सभी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का आदेश दिया है. ताकि इनसे छेड़छाड़ न हो सके. इतना ही नहीं कोर्ट ने सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने पुलिस से सरकार द्वारा कितने कैमरे लगवाए गए और इनमें से कितने चालू हालात में मिले, इसकी भी जानकारी मांगी है.
- आरोपियों के खिलाफ कमजोर सबूत!
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 आरोपियों (दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन, आशुतोष और मनोज मित्तल) को गिरफ्तार किया है. पहले पुलिस ने कहा था कि मामले में 5 आरोपी (दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल) हैं. लेकिन बाद में पुलिस ने दो और आरोपियों आशुतोष और अंकुश के नाम जोड़े. पुलिस का दावा है कि अंकुश और आशुतोष एक्सीडेंट के वक्त कार में नहीं थे. लेकिन इन लोगों ने सबूत छिपाने में आरोपियों को मदद की और पुलिस को भी गुमराह किया. मामले में 7वें आरोपी अंकुश ने कोर्ट में सरेंडर किया था और उसे जमानत भी मिल गई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस अंकुश के खिलाफ सबूत जुटाने में असफल रही?
- पुलिस की बदलती थ्योरी पर भी खड़े हुए सवाल
कंझावला केस में दिल्ली पुलिस की थ्योरी पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. पहले पुलिस ने कहा था कि एक्सीडेंट के समय कार में 5 लोग थे और दीपक कार चला रहा था. लेकिन बाद में पुलिस ने दावा किया कि एक्सीडेंट के वक्त कार में चार लोग थे और गाड़ी अमित चला रहा था. दीपक हादसे के वक्त घर पर था. पुलिस का दावा है कि दीपक ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा था कि वह कार चला रहा था. क्योंकि हादसे के वक्त कार में सवार किसी भी आरोपी के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. ऐसे में आरोपियों ने दीपक को इस केस में शामिल करने की साजिश रची थी.
निशा की भूमिका पर भी सवालों में रही पुलिस
हादसे के तीसरे दिन पुलिस ने दावा किया था कि एक्सीडेंट के वक्त अंजलि अकेली नहीं थी. उसके साथ उसकी सहेली निशा भी थी. पुलिस ने बताया था कि उन्हें एक होटल का सीसीटीवी फुटेज मिला है. इसमें अंजलि और निशा रात 1.45 मिनट पर होटल से न्यू ईयर की पार्टी करके निकली थी. यहां से थोड़ा आगे चलकर उसका एक्सीडेंट हो गया. पुलिस ने बताया था कि हादसे में निधि को कम चोटें आई थीं, इसलिए वह वहां से पैदल घर चली गई और कार में अंजलि का पैर फंस गया. इसके बाद वह घिसटती चली गई. निशा के मुताबिक, एक्सीडेंट के बाद वह काफी डर गई थी, इसलिए उसने इस बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी. निशा का दावा था कि अंजलि काफी नशे में थी.