दिल्ली के कंझावला केस में ड्यूटी पर लापरवाही के आरोप 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में पीड़िता की मां का बयान आया है. उन्होंने कहा कि हम तब तक संतुष्ट नहीं होंगे, जब तक सभी दोषियों को फांसी नहीं हो जाती. उन्होंने आगे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और सजा दिलाने की मांग की. इसके साथ ही परिवार को आर्थिक मदद देने की गुहार लगाई.
बता दें कि दिल्ली के कंझावला केस में पहली बार पुलिस पर कार्रवाई की गई है. इस केस में गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दिल्ली पुलिस के उन कर्मचारियों पर गाज गिरी है, जो एक जनवरी की रात ड्यूटी पर तैनात थे. रोहिणी जिले में पीसीआीर और पिकेट पर तैनात सभी 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. नए साल की रात पार्टी करके लौट रही अंजलि को एक कार ने टक्कर मार दी थी, उसके बाद उसे 13 किमी तक सड़क पर घसीटा गया था, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजन ने इस केस को साजिशन हत्या बताया है और दरिंदगी का आरोप लगाया है.
'जल्द वादे पूरे करे सरकार'
न्यूज एजेंसी से बातचीत में अंजलि की मां ने कहा कि हम तब तक संतुष्ट नहीं होंगे जब तक कि सभी को फांसी नहीं दी जाती. मैं मामले में कार्रवाई करने और हमारी आर्थिक मदद करने की मांग करती हूं और सरकार को जल्द ही मेरे परिवार के लिए किए गए वादों को पूरा करना चाहिए. पीड़िता की नानी ने कहा कि निधि (अंजलि की सहेली) को भी फांसी दी जानी चाहिए, क्योंकि उसने अंजलि के खिलाफ सब कुछ रचा था.
'निधि ने पूरी साजिश रची, इसलिए फांसी हो'
उन्होंने कहा- पुलिसकर्मियों का निलंबन उनकी गलती के कारण किया गया है, लेकिन मैं चाहती हूं कि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए. हम तब तक खुश नहीं हो सकते जब तक इन सबको फांसी नहीं हो जाती. निधि को इसलिए फांसी दी जानी चाहिए क्योंकि उसने अंजलि के खिलाफ साजिश रची थी.
जांच रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश
दिल्ली पुलिस ने बताया कि रोहिणी जिले में रात्रि गश्त में तैनात कुल 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. इनमें पांच पुलिसकर्मी दो पिकैट पर थे और 6 पुलिसकर्मी तीन पीसीआर पर थे. इससे पहले गुरुवार को गृह मंत्रालय ने विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह की रिपोर्ट का संज्ञान लिया. इस रिपोर्ट में निलंबन की सिफारिश की गई थी. ये पुलिस कर्मी घटना के समय ड्यूटी पर थे.
पुलिस को जल्द चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त मामले में जांच में लापरवाही पर विचार करते हुए पर्यवेक्षी अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करें. मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया कि दिल्ली पुलिस जल्द से जल्द अदालत में दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करे और सभी जरूरी कदम उठाए ताकि उन्हें सजा मिल सके.