कानपुर में शुक्रवार हुई हिंसा के बाद बेकनगंज इलाके में पुलिस अलर्ट पर है. कानपुर पुलिस कमिश्नर समेत भारी संख्या में पुलिस बल मुख्य सड़क से लेकर गलियों में पैदल मार्च निकाल रहा है. Aajtak से बातचीत में कानपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई या किसी अन्य संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है.
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा, प्रशासन से बातचीत के बाद कानपुर बंद का ऐलान करने वाले संगठन ने कॉल वापस ले ली थी, लेकिन हिंसा अचानक भड़की है. बता दें कि कानपुर में एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने बंद बुलाया था.
पुलिस अफसर ने कहा कि घटना में शामिल किसी भी साजिशकर्ता या संगठन को बख्शा नहीं जाएगा. हमें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बलवाइयों को चिन्हित किया है. गिरफ्तारी की जा रही है.
राष्ट्रपति का आज दौरा
पुलिस की तरफ से पीएसी की कई कंपनियां कानपुर में आ बुलाई गई हैं. शहर में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 11:00 बजे तक रहेंगे. राष्ट्रपति मर्चेंट चेंबर में व्यापारियों के साथ मीटिंग करेंगे, इसलिए पुलिस हर तरह से सख्ती बरत रही है. पुलिस ने बवाल करने वाले पूरे इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है.
जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि हर जगह पीएसी और पुलिस को लगा रखा है. एक दर्जन से ज्यादा थानों का फोर्स भी तैनात कर रखा है. उधर, हर एक इलाके में जाकर लोगों को समझा-बुझाकर आरोपियों की पहचान की जा रही है. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
35 लोग गिरफ्तार
कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने 3 एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें से 2 पुलिस की तरफ से जबकि एक घायल शख्स की ओर से दर्ज कराई गई है. FIR में 40 नामजद और लगभग 1000 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. वहीं, अब तक कुल 35 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
जुलूस के दौरान हुई हिंसा
गौरतलब है कि कानपुर नगर में पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ शुक्रवार को जुलूस निकाला गया था. दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान 2 समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए. एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद वहां कुछ इलाकों में हिंसा शुरू हो गई. झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं.
ये थी मुख्य वजह
बता दें कि हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसको लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नाराज थे. इसी के विरोध में उनके संगठनों ने इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास किया था.