केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया है. जमानत याचिका के खिलाफ दायर जवाब में एनआईए ने दावा किया है कि इस मामले के तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी से जुड़ रहे हैं.
अपने जवाब में एनआईए ने कहा कि रमीज (ए -5) की कस्टोडियल पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया है कि उसने तंजानिया में हीरा कारोबार शुरू करने का प्रयास किया था. बाद में उसने तंजानिया में सोने का खनन लाइसेंस लेने की कोशिश की थी. उसने तंजानिया से सोना खरीदने और यूएई में बेचने के बारे में भी बताया.
एनआईए का कहना है कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की रिपोर्ट में दाऊद इब्राहिम की अफ्रीका में गतिविधियों के बारे में विशेष रूप से जिक्र किया गया है. हाल की रिपोर्ट में तंजानिया में दाऊद इब्राहिम के हीरे के कारोबार के बारे में भी उल्लेख किया गया है, जो उसका सहयोगी फिरोज चलाता है.
मोबाइल फोन से मिले डेटा की छानबीन से पता चला है कि शराफुद्दीन (ए -13) ने रमीज के साथ अफ्रीका की यात्रा की थी और बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ली थी. नवंबर 2019 में कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क विभाग ने बिना लाइसेंस के फायर आर्म्स आयात करने के लिए रमीज के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
दस्तावेज में एक आरोपी मोहम्मद अली (ए -12) का पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से भी कनेक्शन सामने आया है. मोहम्मद अली, पीएफआई का सदस्य है और उसके खिलाफ केरल पुलिस ने प्रोफेसर की हथेली काटने के मामले में आरोपपत्र दायर किया था. हालांकि 90 से अधिक गवाहों के पलटने के बाद उसे बरी कर दिया गया था.
एनआईए का कहना है कि मोहम्मद अली के मोबाइल फोन से प्राप्त आंकड़ों की जांच से पता चला है कि उसने अपराध का पता लगाने के बाद 19 जुलाई को अपना फोन फॉर्मेट किया था. हालांकि आईएसआईएस के भारतीय मूल सदस्यों की मृत्यु से संबंधित सामग्री, सिमी के समर्थन में पोस्टर, पैसे ट्रांसफर की स्लिप को बरामद कर लिया गया है.