केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच पड़ताल अभी जारी है. इसी कड़ी में एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ दर्ज मामले में आरोपी साहिर के.वी. के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की.
दरअसल, 16 मार्च 2022 को श्रीनिवासन की टारगेट किलिंग से जुड़े जघन्य अपराध के बाद से सहीर के.वी फरार चल रहा था. पुलिस और तमाम एजेंसियां उसे तलाश कर रही थीं. पलक्कड़ के पट्टांबी का रहने वाला साहिर के.वी. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पट्टांबी क्षेत्र का सचिव है. जिसे 16 मई 2023 को एनआईए की एस्कॉन्डर ट्रैकिंग टीम ने पकड़ लिया था.
वह आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार पीएफआई असॉल्ट टीम का अभिन्न अंग था. साहिर के.वी. को अब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूए(पी)ए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.
17 मार्च 2023 को, एनआईए ने इस मामले में शामिल 59 आरोपियों के खिलाफ एक व्यापक आरोप पत्र दायर किया. जिसके मुताबिक, ये संगठन प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाता था. उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण देता था. फंड जुटाने और विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के लिए पीएफआई और उसके नेताओं ने आपराधिक साजिश रची थी. जिसकी जांच के लिए एनआईए ने सितंबर 2022 में मामला दर्ज किया था.
इस्लामिक शासन बनाने का था उद्देश्य
एजेंसी के अनुसार, उक्त संगठन साल 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहा था. अब इस मामले में फरार चल रहे बाकी 10 फरार आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए एनआईए की टीम पुरजोर कोशिश में जुटी है.
आपको बता दें कि 22 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)और उससे जुड़े ठिकानों पर देशभर में छापेमारी की थी. ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारियां 10 से ज्यादा राज्यों में हुई थीं.
उस वक्त एनआईए ने पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम और दिल्ली अध्यक्ष को भी हिरासत में लिया था. वहीं, जांच एजेंसी की इस छापेमारी के खिलाफ कई राज्यों में पीएफआई वर्कर्स विरोध प्रदर्शन भी किया था.
उस दौरान NIA ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार सहित कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. एनआईए को पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर ये एक्शन लिया गया था.