गुजरात के कच्छ में बेहद चौंकाने वाली मर्डर मिस्ट्री सामने आई है. इस मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस को शहर में लगे 350 सीसीटीवी का 1200 GB डाटा खंगालना पड़ा, तब कहीं जाकर घटना के सुराग लगे. पुलिस ने छात्र की हत्या करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के अनुसार, अंजार के मेघपर-बोरिचि के निवासी 19 वर्षीय यश संजीव कुमार तोमर 7 नवंबर को कॉलेज जाने के बाद लापता हो गया था. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने 15 दिन तक जांच-पड़ताल की.
पुलिस का कहना है कि 7 नवंबर को यश तोमर के लापता होने के बाद उसके परिजनों को फिरौती की मांग के लिए एक फोन आया था. इसके बाद परिवार ने पुलिस थाने जाकर मामले में FIR दर्ज कराई. पुलिस ने जब CCTV चेक किए तो एक फुटेज में यश कॉलेज बैग के साथ स्कूटी पर पीछे बैठा दिखा. इसके बाद यश का कोई अता-पता नहीं चला.
पुलिस ने यश का सोशल मीडिया अकाउंट चेक किया तो पता चला कि उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर एक अज्ञात जगह का वीडियो पड़ा था, जिसमें यश बोल रहा था कि मैं फंस गया. पुलिस ने वीडियो की जांच की तो पता चला कि यह जगह गांधीधाम के पंचमुखी हनुमान मंदिर के नजदीक की है.
पुलिस टीम पंचमुखी हनुमान मंदिर गांधीधाम टैगोर रोड के पीछे बबूल की झाड़ियों तक पहुंची. इसके बाद वहां जांच पड़ताल के बाद जमीन को खोदा गया तो यश का शव मिला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
15 बाद पुलिस के हाथ लगा सुराग
इस घटना में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला, जिससे हत्या के आरोपियों का पता लग सके. इसके बाद पुलिस ने शहरभर से 350 CCTV का 1200 GB डाटा खंगाल डाला. पुलिस ने हत्या के 15 दिन बाद CCTV फुटेज में यश के साथ स्कूटर पर दिखे शख्स का पता लगा लिया.
यश के साथ राजेंद्र कुमार कलारिया नाम का शख्स था, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके बाद उसने जुर्म कबूल कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि अन्य एक व्यक्ति भी हत्या में शामिल था.
पुलिस ने राजेंद्र कुमार उर्फ राजू नरशी कलारिया के साथ ही किशन मावजीभाई माहेश्वरी को अरेस्ट कर लिया. पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपियों ने अपहरण और फिरौती की योजना काफी समय से बना रखी थी.
पुलिस के अनुसार, गांधीधाम निवासी राजेंद्र कुमार उर्फ राजू कलारिया सीट कवर रिपेयरिंग का काम करता है. उसे व्यापार में घाटा हो गया था, गाड़ियां बिक गईं और व्यापार बंद हो गया था. उस पर कर्ज बढ़ गया था, इसलिए कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उसने किडनैपिंग की साजिश रची.
छात्र के परिवार से परिचित था आरोपी
यश तोमर को आरोपी जानता था. दोनों के परिवार एक-दूसरे को जानते थे. आरोपी को पता था कि यश तोमर का परिवार आर्थिक रूप से संपन्न है. इसलिए उसने यश को किडनैप करने का प्लान बनाया. उसने सिम कार्ड लिया और एक अन्य व्यक्ति को आर्थिक लालच देकर साजिश में शामिल कर लिया. उसने अज्ञात जगह पर खड्डा खुदवाया और यश तोमर का किडनैप कर लिया.
यश तोमर जब कॉलेज जा रहा था तो आरोपी राजेंद्र ने उसे रोका और कहा कि मेरी स्कूटी खराब हो गई है, लिफ्ट चाहिए. इसके बाद राजेंद्र यश की स्कूटी पर पीछे बैठ गया.
इसके बाद अज्ञात स्थान पर ले जाकर यश की हत्या कर दी और डमी सिम कार्ड के जरिए यश के परिजनों को कॉल किया और 1.5 करोड़ की फिरौती की मांग की. दोनों आरोपियों का प्लान था कि पैसा मिलते ही वे दोनों फरार हो जाएंगे. इसी बीच काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल केस को सुलझा लिया.
पुलिस ने 10 km तक के खंगाले सीसीटीवी
अंजार से लगभग 10 किमी दूर मेघपर बोरिची, आदिपुर जीआईडीसी क्षेत्र, मणिनगर, आदिपुर बस स्टेशन रोड, अंतरजाल क्षेत्र की पुलिस टीमों ने लगभग 350 सीसीटीवी कैमरे खंगाले. इन कैमरों का 1200 जीबी डेटा एकत्रित किया गया. इसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी.