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नकली भारतीय नोटों का कारोबार करना पड़ा महंगा, NIA कोर्ट ने दो लोगों को सुनाई ये कड़ी सज़ा

NIA कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले रहने वाले असीम सरकार को 7 साल सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है, जबकि सह-आरोपी मालदा के निवासी अलादु को पांच साल जेल में बिताने होंगे.

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दोनों दोषी नकली नोटों का कारोबार करते थे (File Photo)
दोनों दोषी नकली नोटों का कारोबार करते थे (File Photo)

कोलकाता की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने नकली भारतीय नोटों के कारोबार में शामिल दो लोगों को सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है. बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले रहने वाले असीम सरकार को 7 साल सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है, जबकि सह-आरोपी मालदा के निवासी अलादु को पांच साल जेल में बिताने होंगे.

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पीटीआई के मुताबिक, NIA कोर्ट ने दोनों दोषियों पर क्रमशः 10,000 रुपये और 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना जमा न करने पर उन्हें तीन महीने और जेल में बिताने होंगे. सरकार और अलादु को भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है.

राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने साल 2019 में असीम सरकार से 2,000 रुपये के 99 नकली नोट और 500 रुपये के दो नोट जब्त किए थे, जिनका कुल अंकित मूल्य 1,99,000 रुपये था. दो अन्य आरोपियों अलादु और फैजुल एसके को बाद में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. अक्टूबर 2019 में इस मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी. 

आपको बता दें कि फैजुल एसके पहले से ही इस मामले में 5 साल जेल की सजा काट रहा है. इस मामले में अब्दुल रहीम के रूप में पहचाने गए एक फरार बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ मुकदमा जारी है. बयान में कहा गया है कि एनआईए की जांच में पाया गया था कि सभी चारों आरोपी अवैध लाभ के लिए नकली करेंसी को असली के तौर पर इस्तेमाल करते थे और एफआईसीएन (FICN) की खरीद और प्रसार करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे.

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