उत्तर प्रदेश में लेडी सिंघम के नाम से चर्चित होने वाली आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी को लखनऊ का नया एसएसपी बनाया गया है. मंजिल लखनऊ की पहली महिला एसएसपी हैं. मुख्यमंत्री के गृह जनपद में रहते हुए उन्होंने कानून व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए कड़े कदम उठाए. लखनऊ में उनसे ज्यादा उम्मीदें होंगी. लखनऊ में चार्ज लेने के बाद उनसे बात की हमारे संवाददाता अनूप श्रीवास्तव ने.
सवाल- आपने लखनऊ में ज्वाइन किया है. आपकी इमेज काफी मशहूर रही है लेडी सिंघम के तौर पर. लखनऊ में भी ये इमेज देखने को मिलेगी?
जवाब- लेडी सिंघम से आप क्या समझ रहे हैं. मैं इसको बहुत ज्यादा डिस्क्राइब नहीं कर सकती. कोई ऑफिशियल टाइटल नही हैं. मीडिया ने दिया है. लेकिन मैं समझती हूं कि जनता हमसे अपेक्षायें रखती हैं. जब उनके साथ अन्याय होता है. कुछ गलत होता है. या फिर कोई और घटना होती है. तो कोई आयेगा और उनकी मदद करेगा. वो पुलिस डिपार्टमेंट से एक्सपेक्ट करते हैं. पुलिस आएगी और अपराधी को पकड़ेगी. तुरन्त न्याय होगा. वो उसी इमेज को सिंघम के रूप में समझते हैं. हमारा पूरा प्रयास होगा कि हमारे पास जो शिकायते आए. औ जो घटना आएं. हम तुरन्त उस पर एक्शन लें. और जो अपराधी है उस पर तुरन्त कार्रवाई करें. अपराधियों पर लगाम लगाना ही प्राथमिकता होगी. ताकि अपराध का ग्राफ कम हो.
सवाल- लखनऊ में एक और बात है कि पॉलीटिकल प्रेशर यंहा पर बहुत है. किस तरह उसको हैण्डल करेंगी?
जवाब- देखिये मेरा ये मानना है कि हम लोग इसको पॉलीटिकल प्रेशर कहते हैं लेकिन मैं इसको दूसरे एंगल से देखती हूं. जरूरी नहीं कि राजधानी में हो, हर जिले में हो सकता है. क्योंकि वह हमारे जनप्रतिनिधि हैं. जनता उन्हें चुनकर लाती है. और जनता उनसे अपेक्षा करती है कि वह हमारी समस्याएं सुनें. उनकी मदद करें. जितनी जनता मेरे पास आती है. उससे कहीं ज्यादा उनके पास जाती है. हर जनप्रतिनिधि को अधिकार है कि संबंधित विभाग को और संबंधित अधिकारी तक बात पहुंचाए. और उनसे एक्शन लेने को कहे. कोई कंप्लेन आती है तो हम लोग उसको मेरिटबेसिस पर देखेगें. जो गरीब हैं उनकी सुनवाई होगी. कई लोग ऐसे भी हैं जो झूठी कम्पलेन लेकर चले जाते हैं. उन पर हम लोग कार्रवाई करेंगे.
सवाल- महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराध बढ़े हैं?
जवाब- क्राइम फिगर मैंने सुबह सुबह देखा है. कुछ हत्याएं बढ़ी हैं. उसमें महिलाओं के खिलाफ ज्यादा मामले हैं. और कुछ अपराध हैं. जैसे चेन स्नेचिंग है, ईवटीजींग है. बड़ा महानगर है. स्टैटिक्सवाइज ज्यादा अपराध हैं. महिलाओं के साथ कहीं न कहीं दिक्कते हैं. कहां दिक्कतें हैं उसको कैसे हैण्डल किया जाए. जनता के बीच से कुछ महिलाएं, कुछ एनजीओ और कुछ एक्टिव ग्रुप्स हों जो इस पर काम करना चाहते हों. उनको हम लोग साथ लेकर चलना चाहते हैं. कुछ ऐसे होते हैं, जो सीधे हम तक बात पंहुचाते हैं.
सवाल- अब लखनऊ की सड़क पर पुलिस दिखेगी?
जवाब- बिल्कुल यह प्रयास रहेगा कि पुलिस की विजीबिलटी बढ़े और न केवल गाड़ियों के माध्यम से बल्कि ऑनफुट. खासकर ऐसे इलाकों में जंहा पर घटनाएं लगातार बढ़ रही है.
मंजिल सैनी का जन्म 19 सितंबर 1975 को दिल्ली में हुआ था. वह दिल्ली कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स से पासआउट हैं और यहां से गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. मंजिल 2005 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं और उत्तर प्रदेश के बंदायू, मुजफ्फरनगर, इटावा, मथुरा समेत आधा दर्जन से भी ज्यादा जनपदों में कार्यरत रही हैं.