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लखीमपुर हिंसा मामले में गिरफ्तार अंकित दास को कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा

जानकारी के लिए बता दें कि अंकित दास के ड्राइवर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. ऐसा आरोप है कि लखीमपुर हिंसा वाले दिन आशीष मिश्रा की गाड़ी के पीछे अंकित दास की फॉर्च्यूनर मौजूद थी. उस गाड़ी को अंकित का ड्राइवर शेखर भारती ही चला रहा था.

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पुलिस के नोटिस के बाद क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ अंकित दास
पुलिस के नोटिस के बाद क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ अंकित दास
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ अंकित दास
  • कुछ दिन पहले डाली थी सरेंडर की अर्जी

लखमीपुर हिंसा केस में पुलिस और SIT की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद अब अंकित दास ने भी सरेंडर कर दिया है. कई बार पूछताछ में शामिल होने की अपील के बाद अब अंकित दास ने खुद क्राइम ब्रांच के सामने पेशी दी. 

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बुधवार को 5 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास को क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में पेश किया. CJM कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान पुलिस ने 14 दिनों की रिमांड कोर्ट मांगी. हालांकि सीजेएम चिंता राम की कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की ही स्वीकृति दी है. अंकित दास 14 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 17 अक्टूबर सुबह 10 बजे तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रहेगा.

घटना के बाद नेपाल भाग गया था अंकित

बताया जा रहा है कि अंकित दास और रिमांड पर चल रहे आशीष मिश्रा का क्राइम ब्रांच ने आमना-सामना कराया. इस दौरान दोनों से करीब 1 घंटे तक सवाल-जवाब हुआ. अंकित दास ने माना कि वो नेपाल भाग गया था. घटना के बाद लखनऊ में पहली रात अपने फ्लैट में ठहरा, फिर होटल में रुकने के बाद 8 अक्टूबर को नेपाल भाग गया था.

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अंकित दास ने फॉर्च्यूनर में आशीष मिश्रा के होने से इनकार किया है. उसने कहा कि हमले कारण उसने गाड़ी तेज चलाई थी. साथ ही किसी ने कोई फायरिंग फायरिंग नहीं की थी. अंकित ने कहा कि मैं निर्दोष हूं, मैंने कोई घटनाक्रम नहीं किया है. हम लोग बस फ्लीट में थे. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. 

जानकारी के लिए बता दें कि अंकित दास के ड्राइवर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. ऐसा आरोप है कि लखीमपुर हिंसा वाले दिन आशीष मिश्रा की थार गाड़ी के पीछे अंकित दास की फॉर्च्यूनर मौजूद थी. उस गाड़ी को अंकित का ड्राइवर शेखर भारती ही चला रहा था.

आठ लोगों ने जान गंवाई थी

लखीमपुर हिंसा की बात करें तो उस घटना में कुल आठ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. चार तो किसान रहे, वहीं तीन बीजेपी कार्यकर्ता भी मारे गए थे, जबकि एक पत्रकार की मौत हुई थी.

उस घटना के बाद से इलाके में जबरदस्त तनाव की स्थिति रही. अभी भी ये मुद्दा यूपी चुनाव के लिहाज से काफी बड़ा माना जा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को ही एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से भी मुलाकात की है. जबकि प्रियंका गांधी भी लगातार दौरा कर रही हैं. यूपी सरकार के मंत्री भी किसानों संग बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में हर तरफ सिर्फ लखीमपुर हिंसा की चर्चा है और SIT जांच पर भी सभी की नजर है.

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