उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के बाद बवाल थम तो गया है, लेकिन अब भी यहां तनाव बना हुआ है. इस हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. हालात अब यहां थोड़े सामान्य तो हो गए हैं, लेकिन किसी भी तरह की कोई अनहोनी न हो, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं. हिंसा के आसपास वाले इलाके में बड़ी संख्या में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिसकर्मी तैनात हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस हिंसा के बाद इलाके में उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में रजिस्टर्ड कई गाड़ियों को घटनास्थल पर देखा गया था. ये गाड़ियां किसानों की बताई जा रहीं हैं. यहीं दो पलटीं हुईं एसयूवी भी पड़ी हुई थीं, जिनके साथ लोगों को सेल्फी लेते देखा गया.
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले से आए धरमबीर सिंह और जरनैल सिंह ने न्यूज एजेंसी से कहा, 'उस दिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. हमें इंसाफ मिलना चाहिए. अगर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हम देशभर में प्रदर्शन करेंगे.' उन्होंने दावा किया कि उनके साथ उत्तराखंड से 2 हजार से ज्यादा गाड़ियां किसानों के समर्थन में यहां पहुंची है.
जिस गांव में हिंसा हुई, वहीं रहने वाले मंसूर अली ने घटना को याद करते हुए बताया कि उस दिन ग्रामीणों ने तेज रफ्तार एसयूवी को आते देखा जिसने लोगों को कुचल दिया. उन्होंने बताया कि उसके बाद गाड़ियां पलट गईं.
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अब सबकुछ सामान्य!
घटना के बाद न सिर्फ तिकुनिया में बल्कि पूरे लखीमपुर खीरी जिले में सामान्य जनजीवन दिखाई दिया क्योंकि यहां धारा-144 लागू कर दी गई है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. पाबंदियों के चलते दवाओं और जरूरी सामानों की दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद रहीं. सुबह तो यहां शांति ही थी, लेकिन जैसे-जैसी दिन बीतता गया लोगों की हलचल भी बढ़ती गई.
परिजनों को सौंपे गए शव
इस हिंसा में मारे गए चारों किसानों के शव का पोस्टमॉर्टम सोमवार को जिला मुख्यालय में किया गया और इसके बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए. इस हिंसा में दलजीत सिंह (32), गुरविंदर सिंह (20), लवप्रीत सिंह (30) और नक्षत्र सिंह (65) की मौत हो गई थी.
इस हिंसा में तीन तीन बीजेपी कार्यकर्ता हरिओम (35), श्याम सुंदर (40) और शुभम मिश्रा (30) और एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप (28) की भी मौत हो गई थी. इन सभी का पोस्टमॉर्टम रविवार रात ही हो गया था और सोमवार को इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
भारी सुरक्षाबल तैनात
एक पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां सशस्त्र सीमा बल की 5 कंपनियां (करीब 500 जवान) तैनात हैं. साथ ही यूपी पुलिस की दो कंपनियां भी तैनात हैं. ये सुरक्षाबल तिकुनिया के अलावा हरदोई, लखीमपुर और उन्नाव में भी तैनात हैं.