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124 दिन बाद जेल से बाहर आएगा आशीष मिश्रा! जानिए- लखीमपुर हिंसा में किस आधार पर मिली जमानत

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. आशीष मिश्रा को पिछले साल 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई थी हिंसा. (फाइल फोटो)
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई थी हिंसा. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर में हुई थी हिंसा
  • आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदने का आरोप

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को (Ashish Mishra) को 124 दिन बाद जमानत मिल गई है. पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. 

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हालांकि, आशीष मिश्रा के जेल से बाहर आने में एक-दो दिन और लग सकते हैं. आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है, लेकिन अभी आदेश आना बाकी है. उन्होंने बताया कि आदेश आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है.

आशीष मिश्रा को जमानत क्यों मिली?

- आशीष मिश्रा के वकील सलिल श्रीवास्तव ने जमानत मिलने का आधार बताया है. उन्होंने बताया कि गाड़ी आशीष मिश्रा नहीं, बल्कि हरिओम मिश्रा चला रहा था और उन्होंने डिफेंस में गाड़ी चढ़ाई थी.

- उन्होंने कहा कि ड्राइवर के अपराध के लिए आशीष मिश्रा को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि लखीमपुर हिंसा में किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुआ. 

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- उन्होंने चार्जशीट पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से नामित SIT के अफसरों के दस्तखत नहीं थे. इसलिए हम इसे गैरकानूनी मानते हैं.

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आशीष मिश्रा पर क्या-क्या लगे हैं आरोप?

- लखीमपुर हिंसा की जांच कर रही SIT ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें SIT आशीष मिश्रा को 'मुख्य आरोपी' बनाया था. 

- दिसंबर में SIT ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी. 

आशीष मिश्रा पर ये 3 बड़े आरोपः-

1. हथियारों का इस्तेमाल : एसआईटी के मुताबिक, तिकुनिया गांव में हिंसा के दौरान जो गोलियां चली थीं, वो आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी हथियार से चली थीं.

2. दोस्तों की संलिप्तता : आशीष मिश्रा के अलावा 13 और लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. ये सभी आशीष मिश्रा से जुड़े थे. अंकित दास और सुमित जायसवाल हिंसा में शामिल थे.

3. मौके पर मौजूदगी : सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर (एसपीओ) एसपी यादव ने बताया था कि केस डायरी में गवाहों के बयान के आधार पर मौके पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की मौजूदगी थी.

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लखीमपुर कांड में अब तक क्या-क्या हुआ?

- 3 अक्टूबर 2021 : लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा हुई. इसमें किसानों को रौंद दिया गया. इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई.

- 4 अक्टूबर 2021 : बहराइच जिले के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इसके जवाब में 6 अक्टूबर को शिवपुरी से बीजेपी पार्षद सुमित जायसवाल ने भी FIR दर्ज करवाई.

- 5 अक्टूबर 2021 : लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया.

- 9 अक्टूबर 2021 : सुबह आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. करीब 12 घंटे चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. 

- 14 दिसंबर 2021 : एसआईटी ने FIR में धाराएं बदलवाने के लिए कोर्ट का रुख किया. एसआईटी ने हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया. कोर्ट ने FIR में गैर-इरादतन हत्या की बजाय हत्या की धारा जोड़ने की मंजूरी दी.

- 3 जनवरी 2022 : एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया गया. एसआईटी ने आशीष मिश्रा के रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला को भी आरोपी बनाया. 

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- 10 फरवरी 2022 : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जमानत दी. एक-दो दिन में आशीष मिश्रा जेल से बाहर आ जाएगा.

क्या हुआ था 3 अक्टूबर को?

- 3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रल में शामिल होना था.

- डिप्टी सीएम मौर्य को रिसीव करने के लिए बनवीरपुर से तीन गाड़ियां निकलीं. लेकिन रास्ते में तिकुनिया गांव में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

- इसके बाद किसानों से झड़प हो गई. आरोप लगा कि आशीष मिश्रा ने अपनी थार जीप किसानों पर चढ़ा दी. इससे 4 किसानों की मौत हो गई. इसके बाद हिंसा भड़क गई, जिसमें 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 पत्रकार की मौत हो गई.

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