Lakhimpur Kheri Violence FIR: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है. उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, आशीष मिश्रा उस कार में बैठा था जिसने किसानों को कुचल दिया था. इतना ही नहीं, उसके ऊपर गोलियां चलाने का भी आरोप है.
बहराइच जिले के जगजीत सिंह की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, लखीमपुर में हुई हिंसा 'प्रीप्लान्ड' थी, जिसके लिए मंत्री और उनके बेटे ने 'साजिश' रची थी. ये भी आरोप है केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की ओर से 'भड़काऊ बयानबाजी' की गई, जिससे हिंसा भड़की और 8 लोगों की जान चली गई. रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि उस दिन किसान महाराज अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में इकट्ठे हुए थे और बनबीर जा रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और मिश्रा के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एफआईआर में दर्ज शिकायत के हवाले से बताया है, '3 बजे के आसपास आशीष मिश्रा 15 से 20 हथियारबंद लोगों के साथ तीन गाड़ियों बनबीरपुर पहुंचे. आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मिश्रा महिंद्रा थार में बाईं ओर बैठे थे और वहां से उन्होंने गोलियां चलानीं शुरू कर दी और भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़ गए.'
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आगे जाकर पलट गई आशीष मिश्रा की कार...
एफआईआर के मुताबिक, 'फायरिंग की वजह से नानपारा के मत्रोनिया गांव के गुरविंदर सिंह की मौत हो गई. तेज रफ्तार गाड़ियां दोनों ओर किसानों को कुचलते हुए चली गई. एक गाड़ी का नंबर UP 31 AS 1000 और दूसरी का UP 32 KM 0036 था. जबकि तीसरी गाड़ी स्कॉर्पियो थी, जिसका नंबर अभी पता नहीं चल सका है.' रिपोर्ट में आगे लिखा है, 'आशीष की तेज रफ्तार गाड़ी आगे जाकर पलट गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. आशीष कार से बाहर आ गए, गोलियां चलाईं और गन्ने के खेत में छिप गए.'
एफआईआर में आशीष मिश्रा के अलावा 15-20 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. उनके खिलाफ धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304A (लापरवाही से मौत), 302 (मर्डर) और 120B (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया गया है.
जगजीत सिंह की ओर से दर्ज एफआईआर में लिखा है, 'एक वीडियो वायरल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए इकट्ठे हुए थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने एक जनसभा में राज्य से किसानों को खदेड़ने की धमकी दी थी.' ये वीडियो 3 अक्टूबर को हुई हिंसा से पहले वायरल हुआ था. एफआईआर में आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने गुंडागर्दी की और वीडियो वायरल होने के बाद भी केंद्र सरकार ने मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. शिकायतकर्ता ने मंत्री और उनके बेटे की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हिंसा हुई थी. इस हिंसा में चार किसान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.