उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दो दलित बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मृत लड़कियों की मां का आरोप है कि पड़ोसी गांव के रहने वाले युवकों ने उनकी बेटियों की अगवा करने के बाद हत्या कर दी. Aajtak से बातचीत में मृत बच्चियों की मां ने बुधवार दोपहर हुआ पूरा घटनाक्रम बताया.
लड़कियों की मां ने कहा, ''जब वह घर के आंगन में स्नान कर कमरे में वापस आ रही थी, तो उसका बायां हाथ बड़ी बेटी पकड़े हुए थी और दाहिने हाथ पर छोटी बेटी सहारा दे रही थी, क्योंकि वह बीमार चल रही थी. इसी दौरान अचानक से बाइक पर आए 3 लोगों ने उनकी बेटियों को खींच लिया. लड़कियां चिल्लाने लगीं तो वह भी भागी. लेकिन दो लड़कों ने उसकी बेटियों को जबरन बाइक पर बैठा लिया और ले जाने लगे.
इसी बीच मां ने उनमें से एक लड़के का पैर पकड़कर पीछे करने की कोशिश भी की, लेकिन वह गिर गई. बीमारी में लगी चोट से थोड़ी देर बदहवास रहने के बाद मां ने चिल्लाकर मोहल्लेवालों से मदद की गुहार लगाई. पड़ोसी भी आसपास लड़कियों को ढूढने लगे. मां की मानें तो बाइक सवार तीनों युवक पड़ोसी छोटू के दोस्त थे, जो उसके घर से मुलाकात करने के बाद निकले थे.
इन तीनों ने उसकी बेटियों को अगवा कर लिया, मां जब बाइक सवारों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी तभी थोड़ी दूर पर छोटू को भी उसने देखा. वो लोग आसपास खोजबीन में लगे थे. तभी करीब 5.30 बजे सूचना मिली कि लड़कियां खेत में मिल गई हैं.''
- 2:00 से 2:30 PM के बीच लड़कियों को अगवा किया जाता है.
- 5:30 PM पर गांव वाले बताते हैं कि लड़कियां खेत में लटकी मिली हैं.
- 5.40 पर पुलिस की 112 गाड़ी को सूचना मिलती है.
- 5.50 से 5.55 PM के बीच में पुलिस मौके पर पहुंचती है.
- 6:30 PM बजे पुलिस दोनों शव को लेकर और माता-पिता को दूसरी जीप में बैठाकर निघासन थाने की तरफ बढ़ती है.
- पीछे से पहुंचे गांववाले और परिजनों को जब मां-बाप निघासन थाने पर नहीं दिखते, तो 7:30 बजे हंगामा शुरू होता है.
- हंगामे की सूचना पर 8:00 बजे एडिशनल एसपी पहुंचते हैं.
- रात में करीब 9.45 बजे के करीब आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह पहुंचती है. हंगामा रात में 11:30 बजे तक चलता है.
- पुलिस देर रात तक परिवार की तहरीर का इंतजार करती रही.
- हंगामा खत्म होने के बाद 12:30 AM बजे के लगभग पुलिस को तहरीर दी गई, जिस पर 1.19 AM पर एफआईआर दर्ज हुई.
लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव सुमन ने बताया, पुलिस ने घटना के बाद रातभर चले तलाशी अभियान के दौरान जुनैद, सोहेल, हाफिजुर रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू को गिरफ्तार किया है.
पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, जुनैद और सोहेल के कहने पर दोनों बहनें बुधवार दोपहर अपने घर से निकली थीं. हाफिजुर रहमान भी जुनैद और सोहेल के साथ मौजूद था. जुनैद और सोहेल ने कबूल किया है कि उन्होंने दोनों लड़कियों के साथ दु्ष्कर्म करने के बाद उनका गला घोंट दिया.
जुनैद और सोहेल ने शवों को ठिकाने लगाने के लिए करीमुद्दीन और आरिफ को बुलाया. बाद में इस हत्याकांड को आत्महत्या का रूप देने के लिए दोनों बहनों के शव को पेड़ पर लटकाने का फैसला किया.
फिलहाल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों के शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है. दलित लड़कियों के पिता और भाई ने Aajtak को बताया कि वह तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगीं. उन्होंने कहा जब तक बड़े बेटे को नौकरी, आरोपियों को फांसी और आर्थिक मदद परिवार को नहीं मिलेगी, तब तक डेडबॉडी घर में ऐसा ही रखी रहेंगीं. परिजन बोले कि हमने प्रशासन तक अपनी बात पहुंचा दी है.