कानून व्यवस्था (Law and order) बनाए रखने में पुलिस (Police) की भूमिका (Role) तो सभी जानते हैं, लेकिन कुछ विभाग (Department) ऐसे भी हैं जो इस काम (Task) को करने के लिए पुलिस की मदद (Help) करते हैं. ऐसा ही एक संगठन है जिसे होमगार्ड (Home guard) विभाग कहा जाता है. अब सवाल उठता है कि आखिर ये होमगार्ड कौन होते हैं (who is home guard) और इनका काम (work) क्या होता है? तो चलिए जानते हैं होमगार्ड के बारे में विस्तार से.
कौन हैं होमगार्ड
Home Guard (होमगार्ड) अंग्रेजी भाषा का शब्द है. जिसका अर्थ (Meaning) हिंदी में 'गृह रक्षक' होता है. दरअसल, यह एक स्वैच्छिक बल (Voluntary force) है, जिसे भारत में पुलिस की सहायता के लिए बनाया गया था. जानकारी के मुताबिक होम गार्ड की स्थापना 6 दिसंबर 1946 में बॉम्बे प्रांत (Bombay Province) में की गई थी. अंग्रेजी शासन (British rule) ने किसी भी आपात स्थिति (Emergency situation) में नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस और सेना समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों की सहायता के लिए गृह रक्षक (Home Guard) और नागरिक सुरक्षा (Civil Defense) को बनाया गया था.
उस समय होमगार्ड को गृह मंत्रालय (Home Ministry) के अधीन राज्यों (States) और केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) के लिए बनाया गया था. देश आजाद हो जाने के बाद 1962 में होमगार्ड संगठन को पुनर्गठित किया गया था. हालांकि कुछ जगहों पर इसकी छोटी इकाइयां मौजूद थी.
इसे भी पढ़ें--- Law and Order: जानिए, पुलिस में कहां और क्यों होता है 'रवानगी' शब्द का इस्तेमाल?
होमगार्ड में पात्रता
होमगार्ड में भर्ती के लिए भारतीय नागरिक होना ज़रूरी है. इसके लिए 18 से 50 वर्ष की आयु सीमा तय है. होमगार्ड के जवान सभी जिलों में पुलिस के सहायक के रूप तैनात रहते हैं. किसी भी तरह की आपात स्थिति में होमगार्ड एक आपातकालीन बल के रूप में भी काम करता है. होमगार्ड में सामान्य कार्यकाल 60 वर्ष की आयु तक ही होता है.
देश के अधिकांश राज्यों में होमगार्ड संगठन सक्रीय हैं. जिनकी अनुमानित संख्या 573,793 है. होमगार्ड के जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं. प्रशिक्षण में टीम के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रशिक्षण भी होते हैं. होमगार्ड के जवान 303 ली-एनफील्ड, एसएमएल राइफल, स्टेन और ब्रेन गन से सुसज्जित और प्रशिक्षित होते हैं.
होम गार्ड अक्सर खाकी वर्दी में नजर आते हैं. इनकी वर्दी बिल्कुल पुलिस की तरह होती है. होम गार्ड्स को सिविल सोसाइटी के विभिन्न क्रॉस सेक्शन में भर्ती किया जाता है. इनकी तैनाती गृह जनपदों के अनुसार ही होती है.
ये भी पढ़ेंः