हमारे देश में पुलिस (Police) का इतिहास (History) काफी पुराना है. आजादी से पहले और आजादी के बाद भी कानून व्यवस्था (Law and Order) बनाए रखने का काम पुलिस करती आ रही है. यही वजह है कि पुलिस थाने (Police Station) बहुत अहम होते हैं. हर प्रदेश के जिलों में कई थाने होते हैं. थानों में काम करने की एक अलग प्रक्रिया है. इसी प्रक्रिया में नाम आता है 'जीडी' का. आखिर क्या होती है ये जीडी (GD)? कैसे आती है पुलिस के काम? आइए जानते हैं.
क्या है जीडी (GD)
पुलिसिंग (Policing) में कई ऐसे शब्द (Word) हैं, जिनका इस्तेमाल पुलिस (Police) हर दिन करती है. ऐसा ही एक शब्द आमतौर पर पुलिसवालों की जुबान पर रहता है, वो है जीडी (GD). यह एक अंग्रेजी शब्द की शॉर्ट फॉर्म (Short form) होती है. जिसका मतलब (Meaning) होता है जनरल डायरी (General Diary). हिंदी में इसका अर्थ 'सामान्य दैनिकी' होता है. इसे पुलिस का रोजनामचा भी कहा जाता है. पुलिस एक्ट 1861 (Police Act 1861) की धारा 44 (सेक्शन 44) में इसकी परिभाषा मिलती है.
जनरल डायरी (GD) पुलिस थाने का एक ऐसा दस्तावेज (Document) होती है, जिसमें थाने (PS) और थानाध्यक्ष (SHO) की हर कार्रवाई (Action) का ब्योरा (Details) लिखा जाता है. हर थाने की जीडी में पूरे 24 घंटे का ब्योरा दर्ज किया जाता है. सबसे पहले सुबह 4 से 6 बजे के दौरान नक्शा नौकरी (Map job) की एंट्री की जाती है. जिसमें एसएचओ (SHO) उस दिन के लिए अपने अधीन सभी पुलिसकर्मियों का कार्य विभाजन (Division of work) करता है और उसका ब्योरा GD में लिखते है.
फिर जीडी में थाना प्रभारी यानी SHO द्वारा थाने का मुआयना (Inspection) किए जाने की बात लिखी जाती है. उसमें थाना प्रभारी के हवाले से थाना ऑफिस (Police station office), हवालाता (Lockup) और मालखाना (Storehouse) आदि के मुआयने की जानकारी (Information) दर्ज की जाती है. इंस्पेक्शन के बाद जीडी में थाने का पहरा बदलने (Change guard), घटना (Incident), दुर्घटनाओं (Accidents) और शिकायती पत्रों (Complaint letters) का ब्योरा लिखा जाता है.
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हर दिन सुबह 8 बजे जीडी (GD) में ड्यूटी वापसी (Duty return) और रवानगी (Departure) दर्ज होती है. इसका मतलब ये होता है कि रात की ड्यूटी (Night Duty) पर गए पुलिसकर्मियों (Police personnels) के थाने में वापस आने और दिन की ड्यूटी (Day Duty) में जाने वालों की जानकारी लिखी जाती है.
थाने का दिवस अधिकारी (Day Officer) दिन भर आने वाली शिकायतें जीडी (GD) में दर्ज करवाता है. साथ ही थाना प्रभारी (SHO) के थाना क्षेत्र में आने-जाने का ब्योरा भी जीडी में चढ़ाया जाता है. रात के 12 बजे बंदी कार्य लेख जीडी में दर्ज किया जाता है. इसके बाद दूसरी तारीख में घटना-दुर्घटना और रिपोर्ट आदि लिखी जाती हैं.
पहले थानों में जनरल डायरी (GD) हाथ से रजिस्टर में दर्ज की जाती थी. लेकिन कुछ साल पहले इसे ऑन लाइन कर दिया गया. क्राइम एंड क्रिमिनल नेटवर्क एंड सिस्टम (Crime and Criminal Network and System) के माध्यम से अब जीडी (GD) को डिजिटल (Digital) कर दिया गया है. CCTNS आ जाने के बाद से थानों में कंप्यूटराइज्ड एफआइआर (FIR) दर्ज होने लगीं हैं. सीसीटीएनएस के एडवांस सॉफ्टवेयर (Advanced software) कैस में दिए गए 22 फॉर्म में से एक जीडी है. इसमें हेरफेरी की कोई गुंजाइश नहीं है.
तो अब आप जान गए होंगे कि पुलिस में जीडी (GD) किसे कहते हैं, और यह पुलिस के लिए कितनी अहम होती है. अगली स्टोरी में हम फिर से आपके लिए पुलिस से जुड़ी ऐसी ही कोई रोचक कहानी लेकर फिर आएंगे.