उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हनुमान मंदिर में मूर्ति खंडित करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को आरोपी तौफीक के पास एक फेक आईडी कार्ड बरामद हुआ है, जो किसी हिंदू व्यक्ति शिवा के नाम पर है. पुलिस का कहना है कि आईडी कार्ड के बारे में जांच की जा रही है. साथ ही ये भी पता कर रहे हैं कि ये फेक आईडी कार्ड तौफीक के पास कैसे आया था.
बता दें कि लखनऊ में स्थित टीले वाली मस्जिद के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर है. यहां पर सुबह मूर्ति खंडित करने का मामला सामने आया था. मौके पर पहुंची पुलिस ने तौफीक को गिरफ्तार किया था. मंदिर पुजारी के मुताबिक, दो मूर्ति खंडित की गईं हैं, जिसमें एक शनि देव की और दूसरी हनुमानजी की मूर्ति है.
आरोपी के जेब से बरामद किया गया है आईडी कार्ड
लखनऊ पुलिस के मुताबिक, लेटे हुए हनुमान मंदिर में आरोपी तौफीक को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपी के पास से फेक आईडी कार्ड बरामद हुआ है. एसीपी चौक आईपी सिंह ने बताया कि फेक आईडी कार्ड किसी हिंदू व्यक्ति का है. हालांकि उसने ये आईकार्ड अपनी जेब में रखा था. इस कार्ड का उपयोग वह दिखाने के लिए करता था. लेकिन उसका वास्तविक नाम तो तौफीस है. हम ये पता कर रहे हैं कि आखिर ये किसका आईडी कार्ड है.
साजिश का एंगल भी खंगाल रही है पुलिस
पुलिस के मुताबिक, इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है. ऐसे में पुलिस आरोपी की पुलिस कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी कर रही है, जिससे इस घटना की तस्वीर पूरी तरह साफ हो सके.
जय श्री राम का नारा बोला और मूर्ति खंडित कर दी
बताते चलें कि मंगल महोत्सव पर एक दिन पहले मंदिर के अंदर बड़ा प्रोग्राम चल रहा था. उसी दौरान एक शख्स आया और उसने जय श्री राम का नारा लगाया. उसके बाद मूर्ति खंडित कर दी. युवक को लोगों ने पकड़ लिया तो उसकी पहचान तौफीक के रूप में हुई. घटना के संबंध में स्थानीय विधायक नीरज बोरा ने बड़ी साजिश का अंदेशा जताया है. उनका कहना है कि इसके पीछे दंगा फैलाने की मंशा हो सकती है. फिलहाल हिंदूवादी संगठनों के लोगों का मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है.
कमलेश की हत्या भी नाम बदलकर की गई थी
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या भी नाम बदलकर शख्स ने की थी, यहां भी आरोपी नाम बदलकर आया है.
नशे की हालत में था आरोपी
वहीं, डीसीपी पश्चिमी जोन एस चिनप्पा ने कहा था कि मामले में FIR दर्ज कर ली है. अब तक की जांच में पाया गया कि आरोप नशे की हालत में था. पता लगाया जा रहे है कि आखिर साजिशकर्ता कौन है, सभी पहलुओं की जांच की जा रही है.