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खुद को बताती थी Assistant Tax Commissioner, अमीर बनने की चाहत में करने लगी ठगी

लखनऊ पुलिस ने खुद को Assistant Tax Commissioner बताने वाली महिला को गिरफ्तार किया है. महिला का नाम प्रियंका मिश्रा है. उसने बीटेक किया है, लेकिन जल्द अमीर बनने की चाहत में वह ठगी करने लगी. वह इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर इनकम टैक्स विभाग में संविदा में काम करती थी और अधिकारियों का डाटा कलेक्ट करती थी.

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नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करती थी प्रियंका मिश्रा.
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करती थी प्रियंका मिश्रा.

खुद को सहायक कर आयुक्त बताकर आयकर विभाग में नौकरी लगवाने ने नाम पर ठगी करने वाली महिला को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है. यूपी के लखनऊ में इंजीनियरिंग करने वाली प्रियंका मिश्रा अब सलाखों के पीछे है. शातिर दिमाग वाली प्रियंका 10 लाख रुपए के बदले में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लोगों को फंसाती थी.

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वह कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहती थी. इसलिए उसने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर ठगी करना शुरू कर दिया. शिकायत मिलने के बाद हजरतगंज थाना पुलिस ने प्रियंका को गिरफ्तार कर लिया है. 
जानकारी के मुताबिक, 30 साल की प्रियंका यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली है. उसे मंगलवार को लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस में आयकर इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी के लिए फर्जी इंटरव्यू लेते हुए पकड़ा गया था. 

प्रियंका ने इनकम टैक्स ऑफिस की कैंटीन में अभ्यार्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था. यहां पर अभ्यार्थियों को 10-10 लाख रुपए में नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे.

प्रियंका ने किया है बीटेक प्रियंका के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक के बताया कि प्रियंका ने बीटेक किया है. उसने एक साल इंजीनियर के तौर पर निजी कंपनी में नौकरी भी की. प्रियंका का पति भी हरियाणा में इंजीनियर है. मगर, वह शार्ट कट से कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहती थी. उसे जल्द से जल्द अमीर बनना था. 

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नौकरी छोड़ बनी कंसल्टेंट, आयकर विभाग में बनाई पकड़

प्रियंका ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर दिल्ली में टैक्स कंसल्टेंट का काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उसे समझ आया कि इस फील्ड में बहुत पैसा है. उसने दिमाग लगाया और इनकम टैक्स विभाग में पकड़ बनानी शुरू कर दी.

फिर उसने लखनऊ में आयकर विभाग में संविदा के पद पर नौकरी की थी. यहां उसने सभी अधिकारियों से कॉन्टेक्ट बनाए थे. उनके तौर तरीकों को सीखने के साथ-साथ नाम और डिटेल कलेक्ट करनी शुरू कर दी.

खुद को बताती थी सहायक कर आयुक्त, उसी लहजे में करती थी बात

लोगों के पूछने पर वह खुद को सहायक कर आयुक्त बताती थी. साथ ही कहती कि उसके दिल्ली स्थित आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क हैं. वह किसी की भी नौकरी लगवा सकती है. 

जब उसके पास नौकरी के लिए सिफरिशें आने लगीं, तो प्रियंका ने संविदा की नौकरी छोड़कर लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देने का फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया. लोगों से बातचीत करने के दौरान प्रियंका का लहजा अधिकारियों जैसा होता था. लोगों को लगता था कि प्रियंका बड़ी अधिकारी है औ वे बातों में फंस जाते थे.

पहले भी की थी जालसाजी इंस्पेक्टर हजरतगंज के मुताबिक, अब तक हुई जांच और पूछताछ में प्रियंका ने कई जानकारियां दी हैं. प्रियंका मिश्रा दो साल पहले लखनऊ स्थित आयकर भवन में लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर उनका इंटरव्यू लेती थी. मगर, वहां मौजूद अधिकारियों की जानकारी में मामला आने के बाद सख्ती कर दी गई. इसके बाद प्रियंका ने कार्यालय में आना बंद कर दिया था.

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अकेले करती थी सारा काम पुलिस के मुताबिक, प्रियंका मिश्रा अकेले ही ठगी के काम को अंजाम देती थी. उसने कई बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के लिए दो लाख लेकर 10 लाख रुपए की डील की थी. 

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