उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले साल हत्या की एक वारदात ने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया था. मरने वाला शहर का एक प्रोपर्टी डीलर था. जिसे आधी रात के वक्त गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस हत्याकांड को सुलझाने में पुलिस ने रात दिन एक कर दिया था. और जब मामले का खुलासा हुआ तो हकीकत जानकर हर कोई सन्न रह गया.
ऐसे हुआ था जैद का मर्डर
मौ. जैद शकील युवा नेता होने के साथ-साथ प्रोपर्टी डीलर भी था. उसे क्रिकेट मैच का शौक था. वारदात के दिन यानी 4 जून 2016 को आधी रात के वक्त वह अपने दोस्त फरहान के साथ एक नाईट क्रिकेट मैच देखकर वापस घर की तरफ जा रहा था. तभी ऐशबाग के वाटरवर्क्स रोड़ पर अंजुमन सिनेमा के पास पीछे से दो बाइक सवार बदमाश आए और उन्होंने जैद पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान जैद को कई गोली लगी. जबकि फरहान बच गया. वारदात में जैद की मौत हो चुकी थी. इस ख़बर से पूरे लखनऊ शहर में सनसनी फैल गई थी.
एसपी क्राइम ने संभाली जांच की कमान
मृतक जैद का संबंध प्रभावशाली परिवार से था. उसके पिता शकील पटाखों के बड़े कारोबारी हैं. और संभल के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता शफीर्कुरहमान बर्क रिश्ते में उसके नाना लगते हैं. वह खुद भी युवा नेता था. लिहाजा उसकी हत्या की मामला पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. पहले पुलिस को लग रहा था कि मामला किसी प्रोपर्टी के विवाद का भी हो सकता है. क्योंकि जैद प्रोपर्टी का काम करता था. मामले के कोई अहम सुराग हाथ नहीं आ रहे थे. तब इस केस को लखनऊ के तेज तर्रार एसपी क्राइम डॉ. संजय कुमार ने खुद अपने हाथों में लिया.
सर्विलांस की मदद
पुलिस ने सबसे पहले मृतक के मोबाइल फोन की जांच की. फिर उसकी सीडीआर निकलवाई गई. उसके आधार पर जैद के आस-पास और मिलने वालों के फोन पुलिस ने सर्विलांस पर लगा दिए. इस दौरान पुलिस को कॉल रिकार्ड से जैद के दोस्त फरहान पर कुछ शक हुआ. ये वही फरहान थी जो वारदात की रात बाइक चला रहा था, और जैद उसके पीछे बैठा था. पुलिस ने फरहान से पूछताछ करने का फैसला किया और फरहान को बुला लिया.
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ऐसे हुआ था फरहान पर शक
पुलिस को शक था कि जिस रास्ते से हमेशा जैद घर आता था, वारदात के दिन वह दूसरे रास्ते से क्यों आया था. क्योंकि वह उस रात फरहान के साथ था तो पुलिस के शक की सुई उसी की तरफ घूम रही थी. हमलावरों ने इतनी गोलियां चलाई लेकिन फरहान कैसे बच गया, ये सवाल भी उसे शक के दायरे में खड़ा कर रहा था. शुरू में फरहान पुलिस को बहलाने की कोशिश करता रहा. पुलिस उसकी फोन डीटेल भी खंगाल रही थी. लेकिन बाद में वह पुलिस की सख्ती के सामने टूट गया.
अफेयर बना जैद की मौत का सबब
फरहान ने इस हत्याकांड की परते खोलनी शुरू की. पुलिस को पता चला कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अपराधी और सीरियल किलर सलीम ने इस कत्ल की साजिश रची थी. दरअसल, सलीम की जैद से जान पहचान थी. लेकिन उसके जेल चले जाने के बाद जैद और उसकी पत्नी अंजुम आरा एक दूसरे के करीब आ गए थे. दोनों साथ-साथ घूमने जाते थे. उन दोनों को कई बार साथ देखा गया था. जब इस बात का पता सलीम को चला तो उसने जैद को ठिकाने लगाने का मन बना लिया. जिसके लिए शूटर की ज़रूरत थी.
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रेलवे स्टेशन पर कत्ल की प्लानिंग
दरअसल, जैद की हत्या से ठीक 13 दिन पहले यानी 25 मई 2016 को गैंगस्टर सलीम एक मामले की पेशी के लिए तिहाड़ जेल से कानपुर कोर्ट में लाया गया था. वहीं रेलवे स्टेशन के रेस्ट रूम में उसने अपने गुर्गों के साथ मिलकर जैद को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. इस काम के लिए उसने फरहान को जैद से दोस्ती गहरी करने के लिए कहा और साथ ही दो शार्प शूटर इस काम के लिए चुने. जिसमें सलीम का खास शूटर रवि गौतम भी शामिल था. तीन शूटर इस काम के लिए लखनऊ भेजे गए थे.
साजिश में शामिल 5 लोग गिरफ्तार
फरहान के पकड़ में आने के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर इस मामले कुल मिलाकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन कत्ल को अंजाम देने वाले शूटर रवि गौतम और उसके साथियों को आज भी पुलिस तलाश कर रही है. इस मामले में सलीम के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया.