उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. विवादों के बीच अब मॉल प्रबंधन ने हर फ्लोर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. मॉल की सुरक्षा के लिए करीब 200 सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए हैं, साथ ही 1016 सीसीटीवी कैमरे भी एक्टिव कर दिए गए हैं. मॉल प्रबंधन ने ये फैसला करणी सेना से जुड़े 10 लोगों को हिरासत में लिए जाने के बाद लिया है.
पकड़े गए करणी सेना के लोग मॉल का बायकॉट करने से संबंधित बैनर लेकर जा रहे थे. उधर, इस मामले में लखनऊ के सीपी डीके ठाकुर ने कार्रवाई करते हुए गोल्फ सिटी के स्थानीय एसएचओ अजय प्रताप सिंह को प्रभार से हटा दिया है. उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया है. शैलेंद्र गिरि को नया SHO बनाया गया है. इसके अलावा डीसीपी साउथ जोन गोपाल चौधरी का भी ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्हें डीसीपी क्राइम के पद पर तैनाती दी गई है. अब सुभाष चंद्र शाक्य लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के साउथ जोन के नए डीसीपी होंगे.
बता दें कि एक दिन पहले ही दो युवकों ने मॉल के अंदर हनुमान चालीसा का पाठ किया था और जय श्रीराम के नारे भी लगाए थे. पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस घटना के बाद से स्थानीय पुलिस-प्रशासन और भी अलर्ट हो गया है. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा है कि हनुमान चालीसा के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है. कमिश्नर डीके ठाकुर ने लुलु मॉल की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए. पुलिस ने कहा कि लुलु मॉल के बाहर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी. मॉल के आसपास हर तरह की गतिविधियों पर पुलिस की नजर रहेगी. इसके अलावा, लुलु मॉल की तरफ जाने वाले प्रमुख चौराहों पर मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन कैमरे उड़ाए जाएंगे.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
लुलु मॉल का 10 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था. इसके बाद 12 जुलाई को एक वीडियो सामने आया, जिसमें लुलु मॉल के कैंपस में कुछ लोग नमाज पढ़ते दिखाई दिए. इस वीडियो के वायरल होने पर अखिल भारत हिंदू महासभा ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा था, 'लुलु मॉल में फर्श पर लोगों ने बैठकर नमाज पढ़ी, इस वीडियो से यह सिद्ध हो गया कि लुलु मॉल में सरकार के आदेशों का उल्लंघन हुआ, क्योंकि सरकार शुरुआत से ही सार्वजनिक स्थानों पर नमाज न पढ़ने की हिदायत दे रही है.' नमाज को लेकर विवाद बढ़ा तो लुलु मॉल प्रबंधन सामने आया और उसने नमाज पढ़ने वालों पर केस दर्ज करा दिया.
इसके बाद 15 जुलाई को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने एक और वीडियो जारी करते हुए लुलु मॉल के अंदर नमाज पढ़ने का दावा किया. इस वीडियो के बाद हिंदू महासभा ने सुंदरकांड पाठ करने का ऐलान किया था.