'तुम्हारी क्या औकात है, आज तुम्हें बताते हैं, आज तुम्हें दुनिया से ही रुख़सत कर देते हैं, क्योंकि तुमने हमारे बॉस एसपी साहब को भी परेशान कर रखा है... बॉस के आदेश पर ही हम तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाने आए हैं.' यह धमकी उस पुलिस वाले की है, जिसका काम न्यायपालिका को सहयोग करने की है.
दरअसल, मधुबनी ज़िले के झंझारपुर न्यायालय के विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष ADJ प्रथम अविनाश कुमार पर उनके चैम्बर में घुसकर जिले के ही घोघरडीहा थाना के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और उसी थाना के SI अभिमन्यु शर्मा जिस तरह तमंचे दिखा कर धमकी भरे लहजे से औकात दिखाने की बात कही वो हिंदुस्तान के इतिहास में शायद पहली बार है.
मौजूदा एसपी के खिलाफ केंद्र से शिकायत कर चुके हैं ADJ
ADJ अविनाश कुमार अजीबोगरीब फैसले को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. लोकहा थाना काण्ड संख्या 130/21 के मामले में फैसला सुनाते हुए एक धोबी को उसके ही गांव की तमाम महिलाओं के कपड़े धोने की शर्त पर ज़मानत देने को लेकर सुर्खियों में रहे. वहीं एक शिक्षक को 1 से 5 क्लास तक के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का फरमान सुना डाला.
साथ ही केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें मधुबनी के मौजदा एसपी डॉ. सत्यप्रकाश कानून सिखाने को कहा. इसी बयान को लेकर भी दोनों पुलिसकर्मी गुस्से में थे और उन्होंने एडीजे पर पिस्टल तान दी.
क्या है पूरा मामला
कुछ दिन पूर्व विधिक सेवा समिति के समक्ष घोघरडीहा थाना क्षेत्र के भोलीरही गांव की रहने वाली एक महिला उषा देवी ने थानाध्यक्ष के द्वारा उन पर झूठा मुकदमा दर्ज़ कराने को लेकर एक आवेदन दिया था, जिसको लेकर कोर्ट ने बुधवार को घोघरडीहा थाना के SHO को तलब किया था, लेकिन उस दिन पुलिसकर्मी कोर्ट में पेश नहीं हुए.
गुरूवार को SHO कोर्ट में पेश होने आये और ADJ अविनाश कुमार के साथ बदतमीज़ी करने लगे. इस दौरान कहासुनी इतनी बढ़ गई की आरोपी पुलिसकर्मी ने जज साहब के ऊपर पिस्टल तान दी. गनीमत रहा की जज साहब का बॉडीगार्ड आरोपी पुलिसकर्मी को दबोचने में कामयाब रहा. हालांकि इस दौरान जज साहब को हलकी चोटें जरूर आयी.
इस बीच हंगामा होते देख न्यायलय में उपस्थित अधिवक्ताओं ने आरोपी पुलिसकर्मी की जमकर कुटाई कर दी. इधर मामले में दरभंगा के IG अजिताभ चौधरी, मधुबनी DM अमित कुमार और SP डॉ सत्यप्रकाश के बीच झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय में देर रात तक मैराथन मीटिंग चलता रहा.
उधर कोर्ट से दोनों पुलिसकर्मी को पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया. पुलिस ने दोनों आरोपी पुलिसकर्मी को इलाज़ के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया. जहां डॉक्टर ने बेहतर इलाज़ के लिए दोनों को DMCH दरभंगा रेफर कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के मुख्य न्यायाधीश स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रधान सचिव और DGP को तलब किया.
इसके साथ ही 29 नवम्बर को सरकार और मधुबनी एसपी डॉ सत्यप्रकाश स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि 8 घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज़ ड्रामा के बाद पुलिस की ओर सिर्फ एक बयान आता है की मामले की जांच की जा रही है, जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. इस हमले को लेकर झंझारपुर बार एसोसिएशन काफी आक्रोशित है और आंदोलन की बात कर रहा है.