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कहां है वो Video जिसका नरेंद्र गिरि को था डर? तलाश में जुटी पुलिस, आनंद गिरि के 3 मोबाइल जब्त

प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि के 3 मोबाइल फोन जब्त कर जांच के लिए भेजा है. पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के उस 13 पेज के सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग मिलान के लिए भेज दिया है.

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महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच में जुटी पुलिस (फाइल)
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच में जुटी पुलिस (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कथित फोटो-वीडियो की तलाश जारी, जिस वजह से की खुदकुशी
  • आनंद गिरि ने ऐसे किसी वीडियो या फोटो के होने से इनकार किया
  • पूरे मामले में आनंद गिरि, आद्या और संदीप तिवारी की गिरफ्तारी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. लेकिन सीबीआई जांच शुरू होने से पहले तक प्रयागराज पुलिस भी इस मामले में जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस अब उस फोटो और वीडियो को तलाशने में लगी है जिसके सामने आ जाने के डर से महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने का फैसला लिया.

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सोमवार देर रात हरिद्वार से हिरासत में लिए जाने से लेकर बुधवार को कोर्ट में पेश किए जाने के बीच हुई आनंद गिरि से पूछताछ में भी पुलिस उस फोटो और वीडियो के बारे में ही जानकारी लेने की कोशिश करती रही जिससे आनंद गिरि, नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल कर रहा था. हालांकि अब तक की पूछताछ में आनंद गिरि ने ऐसे किसी वीडियो या फोटो के होने से इनकार किया है.

2 घंटे के पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी भी

बुधवार को एक तरफ महंत नरेंद्र गिरि को बाघम्बरी गद्दी में भूमि समाधि दी जा रही थी तो वहीं दूसरी तरफ उनके प्रिय शिष्य रहे आनंद गिरि को पुलिस कोर्ट में पेश कर रही थी. बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि के शव का 5 डॉक्टरों, 2 फार्मासिस्ट और दो वीडियोग्राफर की मौजूदगी में 2 घंटे तक पोस्टमार्टम हुआ.

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सूत्रों की माने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी. उनके पेट से अधपचा भोजन भी मिला, जिसे जांच के लिए रख लिया गया. वहीं विसरा भी सुरक्षित रखा गया है.

मंगलवार शाम लगभग 3 बजे प्रयागराज पुलिस लाइन लाए गए आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी से पुलिस टीमों ने घंटों पूछताछ की. खुद एडीजी प्रयागराज जोन ने आनंद गिरि से तमाम सवालों के जवाब मांगे. महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में जिस कंप्यूटराइज फोटो या वीडियो के वायरल होने का जिक्र किया उसके बारे में भी आनंद गिरि से पूछताछ की गई लेकिन आनंद गिरि ने ऐसे किसी भी फोटो या वीडियो के होने से इनकार कर दिया.

आनंद गिरि के 3 मोबाइल फोन जब्त 

दूसरी तरफ प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि के 3 मोबाइल फोन जब्त कर जांच के लिए भेजा है. पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के उस 13 पेज के सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग मिलान के लिए भेज दिया है. महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से उनकी राइटिंग के कुछ नमूने पुलिस ने सील किए हैं जिससे सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान किया जा सके.

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वहीं दूसरी तरफ लखनऊ फॉरेंसिक लैब ने बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि के उस मोबाइल की भी जांच शुरू कर दी है जिसमें उन्होंने आत्महत्या से पहले 50 सेकंड का वीडियो बनाया था.

प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि से पूछताछ के साथ-साथ आद्या गिरि और संदीप तिवारी से भी पूछताछ की. आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी इन्हीं तीन लोगों को महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

आनंद गिरि और आद्या तिवारी को आमने-सामने बैठाकर भी पुलिस यही जानने की कोशिश कर रही थी कि आखिर महंत नरेंद्र गिरि ने क्यों इन तीनों को ही आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया. 26 मई को जब आनंद गिरि ने अपने गुरु नरेंद्र गिरि से माफी मांग ली उसके बाद से कितनी बार वह नरेंद्र गिरि से मिलने आए? कितनी बार फोन से बात की? पुलिस ने आनंद गिरि से पूछे इन सवालों के जवाब को मोबाइल में रिकॉर्ड भी किया. ताकि आनंद गिरि और नरेंद्र गिरि के बीच हुई बातचीत की कॉल डिटेल से भी मिलान किया जा सके.

क्यों आनंद गिरि के खेमे चले गए आद्या और संदीप

आनंद गिरि के साथ जेल भेजे गए आद्या तिवारी से पुलिस की दूसरी टीम ने अकेले पूछताछ की. पुलिस जानना चाह रही थी कि नरेंद्र गिरि ने आद्या तिवारी को बड़े हनुमान मंदिर का मुख्य पुजारी बनाया था. तो फिर क्या वजह थी जिसकी वजह से आद्या तिवारी नरेंद्र गिरि महाराज के शिष्य आनंद गिरि के खेमे में शामिल हो गए थे. पूछताछ के दौरान आद्या तिवारी ने साफ कहा के बड़े महाराज जी नरेंद्र गिरि बाघम्बरी गद्दी पर ही रहते थे वह बहुत कम मंदिर आते थे.

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दूसरी तरफ आनंद गिरि मंदिर का कामकाज खुद देखते थे. लिहाजा रोज मुलाकात बातचीत की वजह से आनंद गिरि से ज्यादा करीबी हो गई. पूछताछ के दौरान आद्या तिवारी ने बीते साल मठ की एक कीमती संपत्ति के सौदा का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसी सौदे को लेकर बड़े महाराज जी यानी नरेंद्र गिरि और छोटे महाराज जी यानी शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद हुआ तो हमने आनंद गिरि का पक्ष लिया. उसके बाद से ही महंत नरेंद्र गिरि को लगने लगा था कि आद्या तिवारी और उनका बेटा संदीप तिवारी आनंद गिरि के खेमे में है. इसी वजह से आद्या तिवारी ने अपनी और अपने बेटे का नाम सुसाइड नोट में लिखने के पीछे एक बड़ी वजह बताई.

फिलहाल प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि और आद्या को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. देर शाम संदीप तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया जिसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

 

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