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260 बाराती, 120 गाड़ियां और 'दुल्हन हम ले जाएंगे' का स्टिकर... जालना IT रेड की फिल्मी कहानी

महाराष्ट्र के जालना में आयकर विभाग ने स्टील, कपड़ा व्यपारी और रियल एस्टेड डेवलपर के यहां छापेमारी की है, जिसमें बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति मिली है. इस छापेमारी की कहानी पूरी तरह से फिल्मी है. पढ़िए कैसे आयकर विभाग के अफसर बाराती बनकर आए और छापेमारी की.

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जालना में रेड के दौरान मिला कैश
जालना में रेड के दौरान मिला कैश

260 बाराती, 120 गाड़ियां पर 'दुल्हन हम ले जाएंगे' का स्टिकर और उद्योगपति के घर पर रेड. यह लाइन सुनकर आपको लग रहा होगा कि हम किसी फिल्मी कहानी या वेब सीरिज के बारे में बताने वाले होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. यह कहानी है महाराष्ट्र के जालना में कारोबारियों के घर पर आयकर विभाग की रेड की, जिसकी प्लानिंग सुनकर आप चौंक जाएंगे.

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कहानी की शुरुआत होती है एक मुखबिर की सूचना पर. आयकर विभाग की टीम को मुखबिर ने खबर दी कि एक जगह खूब मात्रा में कैश है. यह कैश जालना के स्टील कारोबारी के घर पर है, जिसने अपनी आय कागजों में कम दिखाई है और घर-दफ्तर में करोड़ों रुपये के नोट के बंडल अलग-अलग झोलों में पड़े हैं.

मुखबिर की सूचना पर आयकर विभाग की टीम एक्टिव हुई, लेकिन टीम किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती थी. यहीं से शुरू हुई छापेमारी की प्लानिंग. रेड की खबर लीक न हो, इस वजह से टीम में नासिक, पुणे, ठाणे और मुंबई के 260 अधिकारियों को शामिल किया गया. सभी ने अपने वाहनों पर दूल्हे और दुल्हन के नाम के स्टिकर लगाए.

यानी ऐसा लगे कि आयकर विभाग के अफसर-कर्मचारी किसी की शादी में जा रहे हों. सभी गाड़ियों की पहचान के लिए एक कोड वर्ड भी लगाया गया. कोड वर्ड था- दुल्हन हम ले जाएंगे. इसी कोड वर्ड के जरिए अफसरों की गाड़ियों की पहचान की जा रही थी. इसके बाद सभी गाड़ियां जालना के लिए रवाना हो गईं.

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'दुल्हन हम ले जाएंगे' का स्टिकर लगी यह गाड़ियां जैसे ही जालना पहुंची तो सभी एक कारोबारी के घर-दफ्तर और कारखाने की तरफ मुड़ गई. जालना में स्टील कारोबारी के कारखानों, घरों और कार्यालयों पर पहुंचते ही 'बराती' बनकर आए आयकर विभाग के अफसरों और कर्मचारियों ने छापेमारी शुरू कर दी.

इस छापेमारी के दौरान 390 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ. इस ऑपरेशन में 58 करोड़ रुपये नकद, 32 किलो सोने के गहने, हीरे, मोती आदि के साथ ही बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए. इस छापेमारी के बाद जिन लोगों पर मुकदमा चलाया गया है, उनमें औरंगाबाद का एक नामी बिल्डर और बिजनेसमैन भी शामिल है.

दिलचस्प बात यह है कि इस कैश को गिनने में टीम को 13 घंटे का समय लगा. 1 से 8 अगस्त तक चले इस ऑपरेशन के लिए नासिक संभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ राज्य भर से 260 अधिकारी-कर्मचारी, 120 से अधिक वाहनों के काफिले में जालना पहुंचे थे. फिल्मी अंदाज में हुई छापेमारी में आयकर विभाग को बड़ी कामयाबी मिली.

आयकर विभाग के नासिक इन्वेस्टिगेशन एंड डिटेक्शन डिवीजन के तहत औरंगाबाद की टीम को मिली जानकारी के अनुसार, जालना में चार बड़े स्टील मिलों ने कारोबार से कई करोड़ रुपये की सरप्लस आय की और उसका अवैध लेनदेन किया. इसके बाद इन कारोबारियों पर आयकर विभाग की टीम ने अपना शिकंजा कसा.

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आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश मिला था, जिसको गिनने में 13 घंटे से अधिक का समय लगा. इस दौरान 10 से 12 नोट गिनने की मशीनें मंगाई गई थी. यह सभी नोट कपड़े के झोलों में रखे गए थे. यानी मुखबिर ने जो खबर दी थी, वह पुख्ता निकली और आयकर विभाग ने फिल्मी अंदाज में इसे बरामद भी कर लिया.

(रिपोर्ट- प्रवीन ठाकरे)

 

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