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फर्जी दस्तावेज, बिजनेस डील का झांसा और धोखाधड़ी... दपंति ने सरकारी ठेकेदार को ऐसे लगाया करोड़ों का चूना

पीड़ित ने दोनों इकाईयों को खरीदने के लिए 5.82 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया और इसके बाद जब उन्होंने कुछ दिनों बाद दस्तावेजों की गहराई से जांच पड़ताल की तो पता चला कि वे सभी दस्तावेज नकली थे. ये जानकर उनके होश उड़ गए.

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पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है
पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है

महाराष्ट्र के ठाणे शहर में चार लोगों ने बिजनेस डील के नाम पर एक सरकारी ठेकेदार को 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी की इस वारदात को अंजाम दिया. अब पुलिस ने शिकायत मिलने पर चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

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ठाणे के श्रीनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए पीड़ित ने आरोप लगाया है कि आरोपी दंपति अंधेरी एमआईडीसी (MIDC) और पालघर में अपनी बिजली के सामान बनाने वाली विनिर्माण इकाइयों को बेचना चाहते थे और उन्होंने उन्हें सभी ज़रूरी दस्तावेज भी दिखाए. इसके बाद पीड़ित ने खुद विनिर्माण इकाइयों का भी दौरा किया था.

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने दोनों इकाईयों को खरीदने के लिए 5.82 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया और इसके बाद जब उन्होंने कुछ दिनों बाद दस्तावेजों की गहराई से जांच पड़ताल की तो पता चला कि वे सभी दस्तावेज नकली थे. ये जानकर उनके होश उड़ गए.

दरअसल, आरोपियों ने मूल दस्तावेज पेश नहीं किए और शिकायतकर्ता के नाम पर शेयर ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया, साथ ही बताया कि आरोपी दंपति ने ठाणे में अपना दफ्तर भी अचानक बंद कर दिया. इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता को 10.8 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया, जिसमें कारखानों को खरीदने के लिए भुगतान की गई राशि और इकाइयों में किए गए निवेश से होने वाली कमाई शामिल थी.

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एक पुलिस अधिकारी ने इस बारे में पीटीआई को जानकारी देते हुए बताया कि दो कंपनियों के निदेशक एक कपल और दो अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई है.

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