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कत्ल से पहले और बाद की फुल प्लानिंग... नशे की हालत में मुस्कान और साहिल ने उतारा था सौरभ के दिल में खंजर

मुस्कान के आशिक साहिल शुक्ला का रहस्यमयी कमरा और उसकी जादू टोने की दीवारों से भरा मंजर पहले ही सबके सामने आ चुका है. लेकिन अब हम बात करेंगे उस कमरे की, जिस कमरे में 3 और 4 मार्च की दरम्यानी रात सौरभ के सीने में नहीं बल्कि सीधे दिल में खंजर उतारा गया था.

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साहिल और मुस्कान ने सौरभ का कत्ल नशे की हालत में किया
साहिल और मुस्कान ने सौरभ का कत्ल नशे की हालत में किया

Meerut Saurabh Rajput Murder Case: मेरठ में साहिल शुक्ला और मुस्कान रस्तौगी ने महज कत्ल से पहले या कत्ल के बाद की प्लानिंग नहीं की थी, बल्कि  ये जानकारी भी हासिल की थी कि अगर किसी इंसान के दिल पर खंजर वार किया जाए तो बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती. लेकिन वे दोनों बेहोश सौरभ का कत्ल खुद होश में रहकर नहीं करना चाहते थे, इसलिए कत्ल से पहले साहिल और मुस्कान ने ड्रग्स ली थी. इसके बाद एक-एक कर तीन वार सौरभ के सीने पर किए गए. पेश है सौरभ के कत्ल की कहानी, उस कमरे की जुबानी, जहां ये कत्ल हुआ.

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मुस्कान के आशिक साहिल शुक्ला का रहस्यमयी कमरा और उसकी जादू टोने की दीवारों से भरा मंजर पहले ही सबके सामने आ चुका है. लेकिन अब हम बात करेंगे उस कमरे की, जिस कमरे में 3 और 4 मार्च की दरम्यानी रात सौरभ के सीने में नहीं बल्कि सीधे दिल में खंजर उतारा गया था. मेरठ में मौजूद है वो घर, जहां सौरभ, मुस्कान और 6 साल की बेटी किराए पर रहा करते थे. 

19 मार्च को उस घर की तस्वीर उस वक्त सामने आई, जब मेरठ पुलिस पहली बार मुस्कान और साहिल को लेकर वहां पहुंची थी. उसी कमरे में सौरभ का कत्ल हुआ था. असल में वो तस्वीरें सौरभ के कत्ल के 14 दिन बाद 18 मार्च की हैं. जिस दिन पहली बार सौरभ के कत्ल का खुलासा हुआ था. कमरे में वही बेड मौजूद है जिस पर 3 मार्च की रात सौरभ सोया हुआ था. सोया क्या बेहोश था. क्योंकि उस रात उसे कोफ्ते में बेहोशी की दवा मिलाकर खिला दी गई थी.

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जिस कोफ्ते में मुस्कान ने बेहोशी की दवा मिलाई थी वो कोफ्ता असल में खुद सौरभ रेस्त्रां से लेकर आया था. उसे कोफ्ता बहुत पसंद था. कत्ल से करीब कुछ देर पहले की सौरभ की आखिरी तस्वीर भी सामने आई है. जब वो रेस्त्रां से कोफ्ता लेकर अपने एक दोस्त के साथ मोटरसाइकिल पर लौट रहा है. सौरभ  मोटरसाइकिल के पीछे बैठा है. वो तस्वीर 3 मार्च की रात 11 बजकर 49 मिनट की है. 

उसी बेड पर बेहोश सौरभ के सीधे दिल पर मुस्कान और साहिल ने चाकू के कुल तीन वार किए थे. हर वार में चाकू के दस्ते पर मुस्कान और साहिल दोनों के हाथ थे. साहिल और मुस्कान को ये पता था कि दिल पर चाकू का एक ही वार काफी है. मगर उन्होंने फिर भी तीन-तीन वार किए. उन्हें डर था कि कहीं सौरभ चाकू के वार से चीख ना पड़े इसीलिए उन्होंने कमरे का कूलर ऑन कर दिया था. हालांकि सौरभ एक बार भी नहीं चीखा. क्योंकि वो नींद में नहीं बल्कि बेहोश था. 

कत्ल के बाद कमरे के साथ लगे बाथरूम में साहिल और मुस्कान ने सौरभ की लाश के कुल तीन टुकड़े किए थे. उसी बाथरूम में पहले सौरभ का सिर धड़ से अलग किया गया. फिर उसकी दोनों हाथों की कलाईयां काटी गईं. लाश के टुकड़े करने के बाद इसी कमरे में दो बैग में उन टुकड़ों को रखा गया. एक बैग में धड़ और दूसरे बैग में सिर और हथेली. उसी रात करीब 3 बजे एक बैग में सिर और हथेली लेकर साहिल कमरे से बाहर आया और अपने घर की तरफ चल पड़ा. 

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साहिल का घर इस कमरे से कितनी दूरी पर है, वो दूरी भी हमने नापी. पूरा एक मोहल्ला है. चारों तरफ घर हैं. फिर भी देर रात तीन बजे साहिल बिना किसी खौफ के बैग में सिर और हथेली लेकर निकलता है और अपने घर जाता है. साहिल के जाने के बाद मुस्कान अब कमरे में अकेली थी. सौरभ का धड़ एक दूसरे बैग में था और वो बैग उसी बेड के नीचे रखा था. साहिल ने जाने से पहले बेड की चादर, फर्श और बाथरूम सब कुछ मुस्कान के साथ मिल कर साफ कर दिया था. इसके लिए उन्होंने बाकायदा ब्लिंकेट से दस किलो ब्लीचिंग पाउडर मंगवाया था.

मगर साहिल के जाने के बाद मुस्कान को अकेले अब इस कमरे में डर लगने लगा. उसे पता था जिस बेड पर वो बैठी है, उस बेड के नीचे उसके पति की लाश का आधा हिस्सा रखा हुआ है. इसी डर की वजह से साहिल के जाने के 15 मिनट बाद ही उसने साहिल को फोन किया. अपने डर के बारे में बताया और फिर साहिल के कहने पर देर रात को ही साहिल के कमरे में पहुंच गई. यानि अपने घर के कमरे में अपने पति का आधा धड़ छोड़कर अब वो पति के कटे हुए सिर के पास पहुंच गई थी.

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साहिल के जाने के बाद वो भी चली गई. अगली सुबह यानि 4 मार्च को साहिल और मुस्कान फिर से कत्ल वाले कमरे में लौटते हैं. दोपहर 3 बजे तक बाजार से ड्रम, सीमेंट और बाकी चीज लाने के बाद सौरभ की तीन टुकड़ों वाली लाश को इसी ड्रम में सीमेंट के घोल के साथ पैक कर देते हैं. फिर दोनों तैयार होते हैं. पति को पैक करने के बाद अब मुस्कान एक बैग में अपना सामान पैक करती है. बेड पर जो बिखरा हुआ सामान मिला, वो उसी वक्त का है जब मुस्कान अपना सामान पैक करने के लिए बेकार के सामान को बेड पर फेंकती जा रही थी. इसके बाद शाम करीब 5 बजे पहले से बुक एक कैब से साहिल और मुस्कान उस घर पर ताला लगाकर कसौल के लिए निकल जाते हैं.

जाने से पहले मुस्कान अपने कमरे के उस बेड को उसी हालत में छोड़ गई थी. बेड पर मुस्कान का पर्स, कुछ कपड़े, कागजात और सूटकेस के अलावा मिक्सी का एक जार भी नजर आ रहा है. मिक्सी के जार ने मेरठ पुलिस को चौंकाया भी था. शक ये था कहीं साहिल और मुस्कान ने मिलकर लाश को ठिकाने लगाने के लिए मिक्सी जार का इस्तेमाल करने का तो नहीं सोचा था. हालांकि मेरठ पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनका ऐसा इरादा नहीं था.

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4 मार्च की शाम कैब से निकलने के बाद देर रात साहिल और मुस्कान शिमला पहुंचते हैं. 6 दिन शिमला में रुकने के बाद दोनों 10 मार्च को कसौल पहुंच जाते हैं. कसौल के होटल पूर्णिमा में दोनों चेक इन करते हैं. कसौल पहुंचने के अगले ही दिन साहिल का जन्मदिन था. होटल के कमरे में मुस्कान साहिल का जन्मदिन मनाती है. साहिल के जन्मदिन यानि 11 मार्च का वीडियो भी सामने आ गया है.

उस होटल में दोनों अगले 6 दिनों तक रुकते हैं. दरअसल, साहिल और मुस्कान दोनों ही नशे के भी आदि थे. दोनों सूखा नशा करते थे. कई बार इंजेक्शन के जरिए भी दोनों नशा लेते थे. यहां तक की जब दोनों ने सौरभ के सीने में खंजर उतारा तब भी दोनों नशे में थे. शिमला मनाली और कसौल में इसी नशे की खातिर दोनों पहुंचे थे. उन्हें खासकर कसौल और मनाली में आसानी से नशा मिल जाता था.

कसौल में 6 दिन बीताने के बाद दोनों वहां से मनाली जाते हैं. बर्फीली वादियों में मुस्कान की तस्वीरें उसी वक्त की हैं. अब तक दोनों के सारे पैसे खर्च हो चुके थे. लिहाजा, अब दोनों ने वापस मेरठ लौटने का फैसला किया. 18 मार्च को दोनों वापस उसी घर में लौट आते हैं, लेकिन तब तक दरवाजे पर पुलिस पहुंच चुकी थी. दोनों का खेल खत्म हो चुका था.
 

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