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मुकुल गोयल: सस्पेंशन झेला, दंगों को कुचलने में अहम रोल, जानिए कौन हैं UP के नए DGP?

मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अपने लंबे करियर में उन्होंने कई अहम पदों पर काम भी किया है और उन्हें उनके काम के लिए सम्मान भी मिला है.

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उत्तर प्रदेश के नए DGP हैं मुकुल गोयल
उत्तर प्रदेश के नए DGP हैं मुकुल गोयल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तर प्रदेश के नए DGP हैं मुकुल गोयल
  • 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी
  • मुकुल गोयल को मिले कई सम्मान

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को नया डीजीपी मिल गया है. 30 जून को मुकुल गोयल को ये जिम्मेदोरी सौंप दी गई है. अब वे बतौर डीजीपी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करने जा रहे हैं. डीजीपी की रेस में मुकुल गोयल के अलावा आरपी सिंह का नाम भी जोर पकड़ रहा था. लेकिन खबर है कि 29 जून को मुकुल गोयल की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई थी, तभी से उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत मानी जा रही थी.

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1987 बैच के आईपीएस अधिकारी

मुकुल गोयल (Mukul goyal) 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अपने लंबे करियर में उन्होंने कई अहम पदों पर काम भी किया है और उन्हें उनके काम के लिए सम्मान भी मिला है. 22 फरवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मुकुल गोयल का जन्म हुआ था. आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल में बीटेक करने के साथ मुकुल गोयल ने मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री हासिल की थी. इसके अलावा फ्रेंच भाषा पर भी उनकी जबरदस्त पकड़ है.

1987 में आईपीएस बनने के बाद मुकुल गोयल की पहली तैनाती बतौर एडिशनल एसपी नैनीताल में हुई थी. प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद एसपी सिटी बरेली बनाए गए और बतौर कप्तान मुकुल गोयल का पहला जिला अल्मोड़ा रहा. अल्मोड़ा के बाद मुकुल गोयल लगातार कई जिलों में कप्तान रहे, जिसमें जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर, मेरठ शामिल रहें. वहीं ईओडब्ल्यू और विजिलेंस में भी उन्हें एसपी बनाया गया था.

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मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान अहम जिम्मेदारी

इसके बाद 2004 में वे आगरा, कानपुर और बरेली रेंज के डीआईजी रहे. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार गए तो उनको डीआईजी आइटीबीपी बनाया गया. 2009 में आईजी के पद पर प्रमोट हुए तो मुकुल गोयल आईजी एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस बनाएं गए. सितंबर 2012 में मुकुल गोयल वापस उत्तर प्रदेश आए तो उनको आईजी बरेली बना दिया गया. बताया जाता है कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान भी मुकुल गोयल को अहम जिम्मेदारी दी गई थी. उस वक्त तत्कालीन एडीजी (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार को हटा मुकुल गोयल वो जिम्मेदारी सौंप दी गई थी.

 

ITBP का भी हिस्सा रहे

नवंबर 2016 में मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ चले गए थे. वहां पर वे आईजी पंजाब फ्रंटियर, जालंधर आईजी एडमिनिस्ट्रेशन, दिल्ली मुख्यालय और फिर एडीजी बीएसएफ एकेडमी टेकनपुर के पद पर रहे. उनकी सेवाओं का इस्तेमाल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में भी किया जा चुका है. वे कुछ समय के लिए ITBP का भी हिस्सा रहे थे.

मुकुल गोयल को मिले कई सम्मान

मुकुल गोयल को अपने लंबे करियर में कई सम्मान मिले हैं. मुकुल गोयल को साल 2003 में वीरता के लिए पुलिस गैलंट्री मेडल, 2003 में ही दीर्घ विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल, 2012 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और 2020 में केंद्रीय गृहमंत्री का अति उत्कृष्ट सेवा पदक दिया गया है.

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करियर के बड़े विवाद

अब उनके काम की तारीफ भी हुई है और उन्होंने कई मौकों पर खुद को साबित भी किया है. लेकिन फिर भी उनका करियर भी विवादों में रहा है. कुछ ऐसी घटनाएं रही हैं जब उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं. साल 2000 में मुकुल गोयल को उस समय SSP के पद से सस्पेंड कर दिया गया था जब पूर्व बीजेपी विधायक निर्भय पाल शर्मा की हत्या हो गई थी. वहीं इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक  2006 के कथित पुलिस भर्ती घोटाले कुल 25 IPS अधिकारियों  का नाम सामने आए थे. उस लिस्ट में मुकुल गोयल का नाम भी शामिल था.

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