महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ता (ATS) ने शुक्रवार को ठाणे की सत्र अदालत को बताया कि उन्हें मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में सचिन वाज़े की कस्टडी चाहिए. वाज़े की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान जवाब देते हुए एटीएस ने उसकी जमानत का विरोध करते हुए चार बिंदुओं का हवाला दिया. उधर, एनआईए ने विशेष अदालत में कहा कि सचिन वाज़े पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
वाज़े ने 12 मार्च को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी. अंतरिम प्रोटेक्शन से इनकार करते हुए अदालत ने इस मामले की सुनवाई को 19 मार्च तक के लिए टाल दिया था. एटीएस ने अदालत में अपनी दलीलों का हवाला देते हुए कहा कि वे हिरेन की कथित हत्या की साजिश में वाज़े की भागीदारी को समझने के लिए उससे पूछताछ करना चाहते हैं. एनआईए की हिरासत खत्म होने के बाद ATS को अदालत से सचिन वाज़े की कस्टडी मिलने की संभावना है.
एटीएस ने अदालत के समक्ष अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि वे विक्रोली से चोरी होने के बाद 18 से 25 फरवरी तक स्कॉर्पियो कार की लोकेशन का पता लगाना चाहते हैं. साथ ही एटीएस की टीम मनसुख हिरेन की सोने की चेन, सोने की अंगूठी, कलाई घड़ी, कुछ नकदी और उसका मोबाइल फोन भी बरामद करना चाहती है.
वाज़े की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए एटीएस ने अदालत में कहा कि इस साजिश में उसकी भागीदारी को समझने के लिए वाज़े को हिरासत में लेना आवश्यक है. एटीएस जानना चाहती है कि लापता होने के बाद 4 से 5 मार्च तक मनसुख हिरेन के साथ क्या हुआ था. एटीएस ने कहा कि इसकी संभावना है कि वाज़े ही इन सभी सवालों के बारे में जानकारी दे सकता है.
उधर, सचिन वाज़े की वकील आरती कालेकर ने अदालत को सूचित किया कि वाज़े की बहन अनुराधा हाटकर ने इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर की है. उसने मीडिया पर उनके परिवार का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. साथ ही उसने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा भी मांगी है.
वकील आरती कालेकर ने कहा "मैंने अदालत से समय मांगा है, ताकि मैं एटीएस द्वारा दिए गए आधार का अध्ययन कर सकूं. इसके बाद मामला 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. कोर्ट ने वाजे की बहन की अर्जी पर राबोडी पुलिस स्टेशन को उचित दिशा-निर्देश भी दिए हैं."
वाज़े पर जांच में सहयोग ना करने का आरोप
उधर, NIA ने मुंबई की विशेष अदालत को बताया कि निलंबित एपीआई सचिन वाज़े उन्हें जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. और वे उससे पूछताछ नहीं कर पा रहे हैं. एनआईए ने कोर्ट को यह भी बताया कि अदालत के आदेश के बाद भी वाज़े की अधिवक्ता को 'दृश्यमान दूरी पर उपस्थित होने की अनुमति दी थी, लेकिन उसकी वकील वहां नहीं थी और इसलिए वाज़े ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया.
जबकि सचिन वाज़े के वकील ने अदालत को बताया कि उनका एक वकील सजल यादव मौजूद है और यहां तक कि रात को वो एनआईए कार्यालय के पास ही एक होटल में रुके हैं ताकि वाज़े से पूछताछ के दौरान उन्हें बुलाया जा सके. लेकिन एनआईए ने उन्हें बिल्कुल नहीं बुलाया.