एंटीलिया केस की जांच में जुटी एनआईए ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार किए गए एपीआई सचिन वाज़े का निजी ड्राइवर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो को चला रहा था. और उसी ने 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर वो स्कॉर्पियो एसयूवी पार्क की थी. जबकि वाज़े खुद सफेद रंग की इनोवा कार चला रहा था, जो स्कॉर्पियो के पीछे चल रही थी.
जब से स्कॉर्पियो की चोरी की बात सामने आई थी, तब से उसके मूवमेंट की जानकारी भी एनआईए के पास है. दरअसल, 17 फरवरी को मनसुख हिरेन ने स्कॉर्पियो को मुलुंड-ऐरोली रोड पर पार्क किया था. उस वक्त दावा किया गया कि कार में दिक्कत थी. एनआईए का मानना है कि हिरेन उसी दिन शहर के पुलिस मुख्यालय आया था और उसने अपने कार्यालय में मौजूद वाज़े को स्कॉर्पियो की चाबी सौंपी थी.
इसके बाद सचिन वाज़े के निर्देश पर उसका निजी ड्राइवर अगले दिन यानी 18 फरवरी को स्कॉर्पियो को लेकर आया और उसे वाज़े के निवास स्थान, साकेत हाउसिंग सोसाइटी में पार्क कर दिया. फिर 19 फरवरी को वाज़े का ड्राइवर स्कॉर्पियो को पुलिस मुख्यालय ले गया और वहीं उसे पार्क कर दिया.
इसके बाद 20 फरवरी को वाज़े का ड्राइवर स्कॉर्पियो को वापस उसकी सोसाइटी में ले गया और 24 फरवरी की रात तक स्कॉर्पियो वहीं खड़ी रही. फिर ड्राइवर उस स्कॉर्पियो को दक्षिण मुंबई की ओर लेकर रवाना हो गया और 25 फरवरी को उसे एंटीलिया के बाहर पार्क कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि वाज़े स्कॉर्पियो को खुद एस्कॉर्ट कर रहा था ताकि रास्ते में पुलिस कोई बाधा ना खड़ी कर दे. वो तब तक ये करता रहा, जब तक 10 बजे स्कॉर्पियो को पार्क करने के बाद ड्राइवर इनोवा के अंदर नहीं आया और वहां से चला नहीं गया.
धमकी भरी खत रखना भूल गया था वाज़े
इनोवा कार मुलुंड टोल नाका जा चुकी थी लेकिन वो फिर से एक अलग नंबर प्लेट के साथ मुंबई में दाखिल होती देखी गई. इनोवा फिर से एंटीलिया के पास पहुंची. फिर इनोवा कार से कुर्ता पायजामा पहनकर सचिन वाज़े उतरा और वहां खड़ी स्कॉर्पियो के पास पहुंचा और धमकी भरा खत स्कॉर्पियो में रख दिया.
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि स्कॉर्पियो कार से जुड़े सबूतों को नष्ट करने के लिए पुलिस मुख्यालय और साकेत सोसाइटी के दो डीवीआर नष्ट कर दिए गए हैं.