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श्रद्धा के पिता ने कहा- जब तक डेथ रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक नहीं होगा बेटी की मौत का यकीन

आफताब ने कबूल किया कि उसने श्रद्धा की हत्या की है.उसने श्रद्धा का गला दबाया फिर उसके टुकड़े किए और फेंक दिए. लेकिन श्रद्धा के पिता का कहना है कि जब तक डेथ रिपोर्ट नहीं आयेगी, तब तक उन्हें यकीन नहीं होगा कि उनकी बेटी मर गई है.

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आफताब पूनावाला और श्रद्धा घरवालों के विरोध के चलते ही दिल्ली आकर रहने लगे थे
आफताब पूनावाला और श्रद्धा घरवालों के विरोध के चलते ही दिल्ली आकर रहने लगे थे

25 साल की श्रद्धा वॉकर अपने प्रेमी आफताब अमीन पूनावाला के साथ खुशहाल जिंदगी बिताना चाहती थी. लेकिन उस दरिंदे ने उसे ऐसी मौत दी कि पूरा देश दहल गया. अब श्रद्धा के परिवार वाले उसके लिए इंसाफ मांग रहे हैं. उनका कहना है कि आफताब एक महीने तक पुलिस को यही कहता रहा था कि श्रद्धा उसे छोड़कर कहीं चली गई है. श्रद्धा के पिता का कहना है कि जब तक उनकी बेटी की डेथ रिपोर्ट उनके पास नहीं आएगी, तब तक उन्हें उसकी मौत का यकीन नहीं होगा.

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श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर ने आजतक/इंडियाटुडे से बात करते हुए कहा कि आफताब ने उनके सामने कबूल किया कि उसने श्रद्धा को मार दिया, वो बहुत नॉर्मल था और सब बता रहा था कि उसने श्रद्धा का गला दबाया फिर उसके टुकड़े किए और फेंक दिए. मगर विकास मदान वॉकर का कहना है कि जब तक डेथ रिपोर्ट नहीं आयेगी, तब तक उन्हें यकीन नहीं होगा कि श्रद्धा मर गई है.

उनका कहना था कि ऐसा यकीन इसलिए नहीं होगा, क्योंकि एक महीने तक मुंबई पुलिस के सामने आफताब ने कहा कि श्रद्धा कहीं चली गई है, श्रद्धा ने कहा कि वो खुद अकेले रह सकती है. लेकिन फिर उसने दिल्ली पुलिस के सामने एक दिन में कैसे कबूल कर लिया कि उसने श्रद्धा का मर्डर कर दिया.

श्रद्धा के पिता ने बताया कि दिल्ली पुलिस उन्हें मौका-ए-वारदात पर लेकर गई थी. दिल्ली पुलिस उनके सामने आफताब को लेकर आई और उनके सामने आफताब ने कहा कि 'मैने श्रद्धा का मर्डर कर दिया है.'

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श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर ने कहा है कि श्रद्धा के दोस्त ने उन्हें बताया था कि श्रद्धा के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है. श्रद्धा के दोस्त के बताने पर ही उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि आफताब ने उसके साथ कुछ गलत किया होगा. हमने श्रद्धा से पहले भी कहा था कि आफताब के साथ रहना ठीक नहीं है. उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए. 

श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर ने बताया कि उनकी बेटी और आफताब अमीन पूनावाला के अफेयर के करीब 18 महीने बाद उन्हें दोनों के रिलेशनशिप का पता चल गया था. बेटी ने अपनी मां से साल 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है. इसका उन्होंने और उनकी पत्नी ने इस बात का विरोध किया था.

वॉकर ने आगे बताया कि इस रिलेशनशिप को बढ़ाने से मना करने पर श्रद्धा ने कहा था कि वो 25 साल की हो गई है. उसे अपने फैसले लेने का पूरा हक है. उसे आफताब के साथ लिव इन में रहना है. यह कहकर वो घर से जाने लगी, तो उनकी पत्नी ने काफी मिन्नतें की थी. मगर, वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई थी.

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वॉकर के मुताबिक, बेटी के जाने के बाद उसके दोस्तों से उन्हें पता चला कि दोनों नया गांव में जाकर रहने लगे थे. कभी-कभी श्रद्धा अपनी मां को फोन करके बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है. इसी बीच उसकी मां की मौत हो गई. मां की मौत के बाद एक-दो बार श्रद्धा ने अपने पिता को फोन किया था. तब भी उसने आफताब की हरकतों के बारे में बताया था. यही बात उसने घर आकर भी बताई थी. 

इस पर उसके पिता ने उसे आफताब को छोड़कर वापस घर लौट आने के लिए कहा था. मगर, आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई थी. पिता के मुताबिक उन्हें उनकी बेटी के दोस्तों शिवानी माथरे और लक्ष्मण नादर ने बताया कि श्रद्धा और आफताब के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. आफताब उसके साथ मारपीट करता है. चूंकि कई बार उन्होंने उसे समझाया था. मगर, उसने मेरी बात नहीं मानी थी, इस वजह से वो उससे बात नहीं करते थे. 

इसी बीच 14 सितबंर को श्रद्धा के भाई श्रीजय को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने फोन करके बताया कि उसकी बहन का फोन दो महीने से बंद है. श्रद्धा के पिता ने अगले दिन अपने बेटे से बात की. इसके बाद उन्होंने मानिकपुर थाने में श्रद्धा की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पता चला कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रह रही है. तब उन्होंने दिल्ली के महरौली थाने पहुंचकर आफताब के खिलाफ बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी. 

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दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की, तो वारदात की परतें खुलने लगीं. पकड़े जाने पर आफताब ने पुलिस को बताया कि 18 मई को दोनों के बीच शादी को लेकर लड़ाई हुई थी. इसके बाद उसने श्रद्धा का गला दबाकर पहले धारदार हथियार से उसकी हत्या की. फिर आरी से उसकी लाश के कई टुकड़े कर दिए. जिन्हें रखने के लिए उसने नया फ्रिज खरीदा था.

आरोपी रोज पिट्ठू बैग में शव के कुछ टुकड़ों को लेकर शहर और जंगल के अलग-अलग इलाकों में जाता और उन्हें ठिकाने लगा देता था. उसे लगता था कि कोई भी उसे पकड़ नहीं पाएगा. लेकिन अब वो कानून के शिकंजे में फंस ही गया.

 

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