
श्रद्धा-आफताब के खूनी इश्क की कहानी ने सबको हैरान कर दिया है. इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है. कत्ल के बाद जुलाई तक आरोपी आफताब श्रद्धा की लाश के सारे टुकड़ों को ठिकाने लगा चुका था. इसके बाद भी वे बेखौफ होकर उसी फ्लैट में रह रहा था. उसने अपना ठिकाना भी नहीं बदला था. वो रोज वहीं से काम पर जाया करता था.
कत्ल के बाद भी नहीं बदला था ठिकाना
जानकारी के मुताबिक कातिल आफताब ने श्रद्धा का मर्डर करने के बाद उसकी लाश के टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा था. वो फ्रिज उसने लोकल मार्किट की तिलक इलेक्ट्रॉनिक नामक दुकान से खरीदा था. किसी को लाश की बदबू ना आए, इसलिए वो रोज फ्लैट में अगबत्ती जलाता था. जुलाई तक लाश के सारे टुकड़े पूरी तरह से ठिकाने लगाने के बाद उसका फ्रिज खाली हो गया था. इस काम को पूरा करने के बाद भी आफताब ने अपना ठिकाना नहीं बदला था. जी हां, वो शातिर कातिल उसी फ्लैट में बेखौफ होकर रह रहा था. और वहीं से हर दिन अपने काम पर जाया करता था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को फेंकने के बाद आफताब सामान्य तरीके से जीवन जी रहा था ताकि किसी को शक ना हो. आफताब रोजाना उसी कमरे में सोता था, जिस कमरे में श्रद्धा की हत्या की थी.वो अक्सर जोमैटो से खाना मंगवाता था. मगर आस पड़ोस के लोगों से नहीं मिलता था. इस सनसनीखेज हत्या के बाद भी आरोपी को अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है.
आरी से काटा था अपनी महबूबा का मुर्दा जिस्म
18 मई 2022 को आफताब और श्रद्धा के बीच शादी की बात को लेकर पहले बहस हुई थी और इसी दौरान पूनावाला ने अपनी मोहब्बत का गला घोंट दिया था. अब उसके सामने सबसे बड़ा सवाल था कि लाश को कहां ठिकाने लगाए. तो उसके दिमाग में एक खौफनाक तरकीब आई. उसने एक तेजधारी आरी से अपनी लिव-इन पार्टनर की लाश के 20 टुकड़े कर दिए थे ताकि कोई उसे पहचान ना सके.
रात में 2 बजे घर से निकलता था आरोपी
अब वो लाश के सब टुकड़ों को एक साथ ठिकाने नहीं लगाना चाहता था. इसलिए उसने एक 300 लीटर का बड़ा फ्रिज खरीदा और लाश के सब टुकड़ों को उसमें रख दिया. इसके बाद वो अगले कई दिनों तक उन लाश के टुकड़ों को एक-एक करके ठिकाने लगाता रहा. पुलिस के मुताबिक आरोपी रात को करीब 2 बजे अपने फ्लैट से निकलता था और लाश के एक टुकड़े को ठिकाने लगाकर वापस फ्लैट पर आ जाता था.
अपनी करतूत कबूल कर रहा है आरोपी
जानकारी के मुताबिक वो ऐसा जुलाई महीने तक करता रहा. यानी मई कत्ल करने के बाद उसने जुलाई तक लाश के कटे हुए टुकड़ों को जंगल और सुनसान इलाकों में फेंका था. उसने पूछताछ के दौरान ये सारी बात कबूल कर ली है.
पिता ने दर्ज कराई थी शिकायत
आरोपी और मृतका दोनों ही महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. आरोपी आफताब मुंबई के रहने वाला है. जबकि श्रद्धा वाकर महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली थी. उसके पिता ने दिल्ली के महरौली थाने में उसके अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी.
कॉल सेंटर में काम करते थे श्रद्धा- आफताब
असल में 26 वर्षीय बेटी श्रद्धा वाकर मुम्बई के मलाड इलाके में मौजूद एक मल्टीनेशन कम्पनी के कॉल सेंटर में काम करती थी. यहीं पर श्रद्धा की मुलाकात आफताब अमीन पूनावाला से हुई थी. जल्द ही दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया था.
मई के बाद नहीं हुई थी बात
श्रद्धा के पिता विकास मदान वाकर ने बताया कि विरोध करने पर बेटी और आफताब ने अचानक मुम्बई को छोड़ दिया. बाद में पता चला कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रहते हैं. उन्होंने बताया कि किसी न किसी माध्यम से बेटी की जानकारी मिलती रहती थी. लेकिन मई महीने के बाद से उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था. उसके फोन नंबर पर भी सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नहीं मिला.
अनहोनी की आशंका
फिर अनहोनी की आशंका होने पर वह आठ नवंबर को यानी करीब 6 माह बाद सीधे छतरपुर स्थित फ्लैट में गए जहां बेटी किराये पर रहती थी. वहां पर ताला बंद होने के बाद विकास ने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई.
सर्विलांस की मदद से पकड़ा कातिल
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस से शनिवार को आफताब को ढूंढ निकाला. आफताब ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया की दोनों के बीच शादी को लेकर अक्सर झगड़े होते थे. श्रद्धा उस पर शादी का दबाव बनाती थी. इसलिए उसने 18 मई को श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. फिर बाद में उसकी लाश को टुकड़ों में काटकर ठिकाने लगाया था.