मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए थे. इन्हीं आरोपों की जांच करने के लिए मुंबई में मौजूद केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किया है.
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की दो टीम इस मामले में जांच के लिए मुंबई पहुंची थी. उनमें से एक टीम ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पूछताछ करने के लिए बुलाया है. इस संबंध में जैसे ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच फरमान सुनाया था. उसके एक दिन बाद ही सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच गई थी.
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सीबीआई के लगभग आधा दर्जन अधिकारी जांच कर रहे हैं. वे संबंधित लोगों के बयान भी दर्ज करते जा रहे हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर अनिल देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) करने के लिए सीबीआई की एक टीम पहले मुंबई पहुंच गई थी और दूसरी बाद में पहुंची.
इस जांच से जुड़े सूत्र के मुताबिक जांच के दौरान सीबीआई की दोनों टीम इस मामले में संभावित गवाहों, संदिग्धों और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज कर रही है. अगर सीबीआई को अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह के आरोपों से जुड़े सबूत मिलते हैं, तो संघीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी.
मुंबई पुलिस के कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि अनिल देशमुख, सचिन वाज़े समेत मुंबई के अन्य पुलिस अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाते थे और उन्हें अवैध तरीके से हर महीने 100 करोड़ रुपये दिलाने का निर्देश देते थे. हालांकि अनिल देशमुख ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था.