अभिनेता सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले शूटर विक्की कुमार गुप्ता ने अदालत में खुलासा किया है कि आरोपी सागर पाल ने एक समय उसे 500 रुपये की आर्थिक मदद की थी और जालंधर में ड्राइवर की नौकरी दिलाने में भी उसकी मदद की थी. इसी वजह से उसने इस हमले में सागर पाल की मदद करने का फैसला किया था.
आरोपी विक्की कुमार गुप्ता ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है. उसी संबंध में पेशी के दौरान उसने विशेष अदालत को बताया कि वह कर्ज में डूबा हुआ था, जिसकी वजह से उसने ये अपराध किया. और चूंकि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, इसलिए वह समाज के लिए खतरा नहीं है. इसलिए उसे जमानत दी जा सकती है.
बता दें कि आरोपी विक्की कुमार गुप्ता ने सागर पाल के साथ मिलकर 14 अप्रैल को बांद्रा में सलमान खान के घर पर गोलीबारी की थी. उसने अपने वकीलों अमित मिश्रा, पंकज घिल्डियाल और सुनील मिश्रा के माध्यम से मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की.
याचिका में कहा गया कि वह वास्तव में लॉरेंस बिश्नोई के चरित्र से प्रभावित था, जिसे उसने इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया पर देखा था. और "लॉरेंस बिश्नोई द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों से वह चुंबकीय रूप से जुड़ा हुआ था, क्योंकि लॉरेंस भगत सिंह का अनुयायी था.
याचिका में आगे कहा गया है कि गुप्ता को लॉरेंस बिश्नोई से कोई कॉल नहीं आया और न ही किसी बिचौलिए ने उन्हें बिश्नोई से बात करने के लिए उकसाया, क्योंकि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है. उसने आगे जोर देकर कहा कि बिश्नोई को इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा अनावश्यक रूप से और बिना किसी कारण के उलझाया गया है.
याचिका में कहा गया है कि गुप्ता ने लॉरेंस बिश्नोई के भाई और मामले में वांछित आरोपी अनमोल बिश्नोई के प्रभाव में आकर अपराध किया, जिसने उससे कहा था कि अपराध करने के बाद उसे कुछ नहीं होगा.
याचिका में कहा गया है कि सलमान खान को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था और अनमोल ने बिश्नोई समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र पशु ब्लैकबक को मारने के लिए माफी न मांगने के लिए खान को केवल धमकी देने के लिए सिग्नल ऐप पर उनके साथ विवरण साझा किया था. याचिका में तर्क दिया गया है कि यही कारण है कि अपराध के लिए किसी अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि देसी कट्टा का प्रयोग किया गया.
याचिका में कहा गया है कि गुप्ता के सह-आरोपी सागर कुमार पाल ने एक समय में उसे 500 रुपये की आर्थिक मदद की थी और यहां तक कि जालंधर, पंजाब में ड्राइवर की नौकरी दिलाने में भी उसकी मदद की थी और इसी वजह से उसने इस अपराध में पाल की मदद करने का फैसला किया. विशेष न्यायाधीश बीडी शेलके ने अपराध शाखा को गुप्ता की जमानत याचिका पर 13 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.