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सुशांत सिंह राजपूत केसः क्राइम सीन रीक्रिएशन से हुआ ये अहम खुलासा

सुशांत की मौत की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई, ईडी होते हुए एनसीबी तक जा पहुंची है. लेकिन सवाल अब भी यही है कि सुशांत ने खुदकुशी की या फिर उसका कत्ल किया गया. वैसे अब तक की तफ्तीश में सीबीआई को सुशांत के कत्ल जैसा कोई सुराग नहीं मिला है.

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CBI की एसआईटी का पूरा फोकस अब आत्महत्या के एंगल पर है
CBI की एसआईटी का पूरा फोकस अब आत्महत्या के एंगल पर है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आत्महत्या और हत्या के बीच उलझा था केस
  • सुसाइड के एंगल पर सीबीआई का फोकस
  • सीबीआई को नहीं मिला कत्ल का सुराग

सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी सुलझाने में सीबीआई दिन-रात एक किए हुए है. मौत से जुड़े हर पहलू को परखा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो सीबीआई को सुशांत के मर्डर से जुड़े कोई ठोस सुराग नहीं मिले हैं. ऐसे में सीबीआई का फोकस अब आत्महत्या के एंगल पर ज्यादा है. जहां वो आत्महत्या की वजहों का पता लगाने में जुटी हुई है.

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सुशांत की मौत की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई, ईडी होते हुए एनसीबी तक जा पहुंची है. लेकिन सवाल अब भी यही है कि सुशांत ने खुदकुशी की या फिर उसकी हत्या की गई. अब तक की तफ्तीश में सीबीआई को ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिला है, जिससे उसे शक हो किसी ने साजिशन सुशांत सिंह राजपूत की हत्या कर दी और उनकी लाश को फंदे से टांग कर उसे खुदकुशी का रंग देने की कोशिश की. 

सीबीआई की जांच टीम से जुड़े तीन अलग-अलग अफसरों ने आजतक से अनौपचारिक बातचीत करते हुए इस खबर पर मुहर लगाई, हालांकि ये जरूर कहा कि फिलहाल सीबीआई ने मामले की जांच में सारे ऑप्शन खोल रखे हैं और इस मामले को लेकर किसी आखिरी नतीजे पर नहीं पहुंची है.

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को इस मामले की जांच की कमान सीबीआई के हवाले कर दी थी. मामला हाथ में लेते ही सीबीआई बड़ी तेजी से छानबीन की शुरुआत की. उसने सुशांत की मौत के वक्त उनके घर में मौजूद नीरज सिंह और सिद्धार्थ पिठानी जैसे लोगों से पूछताछ के साथ अपनी तफ्तीश तो आगे बढ़ाई ही, मुंबई पहुंचने के फौरन बाद क्राइम सीन का रीक्रिएशन भी किया. 

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असल में इस मामले में क्राइम सीन को लेकर भी बेशुमार सवाल थे. अनगिनत लोगों ने कहा कि सुशांत की लाश जिन हालात में पंखे से लटके हुई मिली, उन हालात में कोई खुदकुशी कर ही नहीं सकता है. कुछ लोगों ने सुशांत के गले में पड़े निशान, लाश की हालत और तस्वीरों को देख कर भी ये शक जता दिया कि हो ना हो सुशांत सिंह राजपूत की जान ली गई और उनकी लाश को साजिशन फंदे से टांग दिया गया. 

लेकिन जब सीबीआई ने क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया, तो तकरीबन सारी बातें साफ हो गईं. सीबीआई ने सुशांत की लंबाई और वजन वाले एक डमी के साथ ये परख कर देखा कि सुशांत अपने बेड पर खड़े होकर पंखे से फंदा लगा कर उससे झूल सकते हैं या नहीं? और सीबीआई को इस सवाल का जवाब हां में मिला. ठीक इसी तरह सीबीआई ने मौका-ए-वारदात का मुआयना कर भी ये पाया कि उनके मकान में मौत से पहले या बाद में किसी बाहरी के आने-जाने के कोई सबूत नहीं मिले.

जबकि इस मामले के चार अहम गवाह यानी सिद्धार्थ पिठानी, नीरज सिंह, दीपेश सावंत और केशव बचनेर से पूछताछ में भी ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई, जिससे कत्ल का शक हो. सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर विसरा रिपोर्ट की जांच करने के साथ-साथ सीबीआई ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों तक से बात की, लेकिन उन्हें कोई साजिश नजर नहीं आई.

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डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अगुवाई में एम्स के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की जो टीम सुशांत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, उसने अपनी फाइनल रिपोर्ट फिलहाल मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम को नहीं सौंपी है. ऐसे में सीबीआई भी इस मामले पर किसी आखिरी नतीजे पर पहुंचने से पहले फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट देख लेना चाहती है. 

सुशांत के घरवालों ने उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उसके घरवालों पर अपने बेटे को खुदकुशी के मजबूर करने का इल्जाम लगा रखा है. सीबीआई का अब ज्यादा फोकस खुदकुशी के एंगल पर है. वह इसी दिशा में जांच को आगे बढ़ा रही है. इसी पर सवाल-जवाब हो रहा है. अब सवाल है कि क्या वाकई रिया के रवैये और व्यवहार के कारण ही सुशांत ने अपनी जान दी? या फिर वजह कुछ और है.

 

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