
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद मिले सुसाइड नोट में उनके द्वारा अपना उत्तराधिकारी बलवीर गिरि को बनाए जाने की बात कही गई है. साथ ही सभी अखाड़े के पदाधिकारियों से उनको सहयोग करने के लिए कहा गया है.
बलवीर गिरि इस समय निरंजनी अखाड़े के उप महंत हैं और हरिद्वार स्थित बिल्केश्वर महादेव मंदिर की व्यवस्था का संचालन करते हैं. महंत नरेंद्र गिरि जब अपने शिष्य आनंद गिरि से नाराज हो गए थे तो उन्होंने जो 10 वर्ष पूर्व वसीयत आनंद गिरि के नाम की थी, उसको उन्होंने रद्द कर दिया था.
इसके बाद उन्होंने आनंद गिरि की जगह बलवीर गिरि के नाम पर वसीयत कर दी थी. बलवीर गिरि अखाड़े में महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं. बलवीर गिरि उत्तराखंड के निवासी हैं और 2005 में वो संत बने थे. निरंजनी अखाड़े के श्री महंत सचिव स्वामी रामरतन गिरि जी ने बताया कि बलवीर गिरि जी अच्छे संत हैं. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद वो प्रयागराज पहुंचे हैं.
8 पेज का सुसाइड नोट सामने आया
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनका 8 पेज का सुसाइड नोट सामने आया है. जिसमें उन्होंने आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी, संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है. साथ ही उन्होंने कई अहम बातों का उल्लेख किया है.
सुसाइड के हर पन्ने पर महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी परेशानी को खुलकर लिखने की कोशिश की है. मंहत ने पेज 2 पर लिखा कि प्रिय बलवीर मठ मंदिर की व्यवस्था का प्रयास वैसे ही करना, जैसे मैंने किया है. आशुतोष गिरी, नितेश गिरि एवं मंदिर के सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना.
13 सितंबर को करने जा रहे थे आत्महत्या
सुसाइड नोट के पेज 3 पर महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी कम्प्यूटर के माध्यम से किसी महिला या लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा. मैंने सोचा कहां कहां सफाई दूंगा. एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा. मैं जिस पद पर हूं, वह गरिमामयी पद है.
आज तक से बातचीत में क्या बोले बलवीर गिरि?
वहीं, आज तक से खास बातचीत में बलवीर गिरि ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि के साथ जिन लोगों ने ये सब किया है उनको हम लोग अंदर भिजवा के ही रहेंगे. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि गुरू विष पी जाता है, शिष्य को कुछ नहीं बताता है. मैं गुरू जी के साथ रहा हूं, मैं जानता हूं कि ये उन्हीं की Handwriting है. ये Suicide Letter उन्होंने ही लिखा है.
उन्होंने कहा कि सरकार जांच करे. लिखने न लिखने का मतलब नहीं है. अक्षर जिस तरह लिखे हैं वो एक जैसे हैं. सनातन पर सवाल हमेशा से उठता है. उन्होंने कहा कि सूबे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है.