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नरेंद्र गिरि मौत केस: एक्शन में CBI, तीनों आरोपियों की मिली रिमांड, जानें अबतक जांच में क्या-क्या हुआ

महंत नरेंद्र गिरि डेथ केस की जांच रविवार को सीबीआई टीम प्रयागराज स्थित उस स्थान पर पहुंची जहां नरेंद्र गिरि की बॉडी सोमवार को मिली थी. फॉरेंसिक लैब के अधिकारियों के साथ घटनास्थल बाघम्बरी मठ पर पहुंची CBI टीम ने क्राइम सीन क्रिएट किया और एक एक पहलु का गहन निरीक्षण किया.

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महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो)
महंत नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महंत नरेंद्र गिरि केस में अबतक क्या क्या हुआ
  • CBI को मिली आनंद, आद्या और संदीप की रिमांड
  • बाघम्बरी मठ में 6 घंटे तक क्राइम सीन किया क्रिएट

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार तीन मुख्य आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को 7 दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में भेज दिया है. हालांकि सीबीआई ने अदालत से 10 दिन की रिमांड मांगी थी. पहले अदालत ने CBI को 5 दिनों की रिमांड दी थी, लेकिन CBI के अनुरोध पर इसे 2 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया. अब हम आपको बताते हैं कि इस केस की जांच में अबतक क्या क्या हुआ है?

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महंत नरेंद्र गिरि के नाम से फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाए जाने का मामला भी सामने आया है जो सीबीआई जांच के दायरे में रहेगा. सीबीआई इस मामले में जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि कहीं खुदकुशी के लिए दबाव बनाने वालों ने ही तो फर्जी ट्विटर अकाउंट तैयार नहीं किया था.

जिस कमरे में मिली थी बॉडी, 6 घंटे वहां रही CBI और CFSL टीम

रविवार को सीबीआई टीम प्रयागराज स्थित उस स्थान पर पहुंची जहां नरेंद्र गिरि की बॉडी मिली थी. फॉरेंसिक लैब के अधिकारियों के साथ घटनास्थल बाघम्बरी मठ पर पहुंची CBI टीम ने क्राइम सीन क्रिएट किया और एक एक पहलू का गहन निरीक्षण किया. सीबीआई ने, उस पंखे से जिससे नरेंद्र गिरि की बॉडी लटकती पाई गई थी, में उनके वजन के बराबर का बोरा लटकाकर स्थितियों का मुआयना किया. सीबीआई की टीम ने पंखे, नायलान की रस्सी समेत मौका-ए वारदात से प्राप्त दूसरे सभी सबूतों का अध्ययन किया. फॉरेंसिक लैब के अधिकारियों ने कमरे में मौजूद एक एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया और कई सबूत इकट्ठा किए. इस पूरी प्रक्रिया में सीबीआई टीम को तकरीबन 6 घंटे लगे. 

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बलबीर गिरि से पूछताछ

सीबीआई ने रविवार को बलबीर गिरि से भी पूछताछ की. बलबीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. इसके अलावा सीबीआई टीम ने महंत नरेंद्र गिरि के कमरे का दरवाजा सबसे पहले खोलने वाले शख्स से भी पूछताछ की. 

25 सितंबर को CBI और SIT के बीच मीटिंग हुई

25 सितंबर को CBI ने इस केस में विवेचना की प्रगति की पूरी जानकारी SIT टीम से ली. सीबीआई ने एसआईटी के डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी और जार्जटाउन के इंस्पेक्टर से पूछा कि प्रयागराज पुलिस ने जांच में क्या-क्या किया है? कितने लोगों से पूछताछ की है? क्या जानकारी हासिल की है? CBI ने पूछा कि प्रयागराज पुलिस ने जांच के दौरान कितने लोगों को हिरासत में लिया और किससे क्या जानकारी मिली?

प्रयागराज पुलिस ने जांच से जुड़े सभी दस्तावेज भी सीबीआई को सौंप दिए. 

24 सितंबर को क्या क्या हुआ

महंत नरेंद्र गिरि केस में सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद सीबीआई ने इस मामले में FIR दर्ज की. यूपी पुलिस से केस लेने के बाद सीबीआई की स्पेशल क्राइम यूनिट की एक 6 सदस्यीय टीम प्रयाग पहुंची और जांच शुरू कर दी. सीबीआई ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को अपने कब्जे में लिया. क्राइम सीन का पंचनामा हासिल किया. गवाहों के बयान लिए और संदिग्धों से हुई पूछताछ की जानकारी भी यूपी पुलिस से ली.  

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21 सितंबर को आनंद गिरि गिरफ्तार

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद शक की सुई उनके शिष्य रहे आनंद गिरि की ओर गई. आनन-फानन में आनंद गिरि को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया. यूपी पुलिस हरिद्वार से गिरफ्तार कर आनंद गिरि को प्रयागराज ले आई. 21 सितंबर को ही इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया.

यूपी पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के सरकारी गनर से भी पूछताछ की. इसके बाद नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट सामने आया. इसमें उन्होंने लिखा था, "मैं दुखी होकर आत्महत्या करने का निर्णय लेकर आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरे मौत का जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या  प्रसाद, संदीप की होगी." जांच का सिलसिला आगे बढ़ते ही पुलिस ने आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया.

20 सितंबर की कहानी

यूपी पुलिस की अबतक की जांच के अनुसार 72 साल के महंत नरेंद्र  गिरि 20 सितंबर को भोजन करने के बाद अपने कमरे में प्रवेश करते देखे गए थे. सोमवार शाम को जब अपने तय समय पर वो कमरे से बाहर नहीं निकले तो उन्हें फोन किया गया. लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला. कई बार फोन पर जवाब नहीं मिलने के बाद महंत नरेंद्र गिरि के कमरे को शिष्यों ने तोड़ दिया. शिष्यों ने पाया कि महंत नरेंद्र गिरि पंखे से लटके हैं. 

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