अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत कई सवाल छोड़ गई है. उनका कमरा अंदर से बंद था. शव फंदे से लटका हुआ था. उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें एक शिष्य की चर्चा है. माना जा रहा है वो शिष्य से परेशान थे. प्रयागराज पुलिस इसकी जांच कर रही है.
इस बीच कई संतों ने इस पूरे केस की मांग की है और इसे साजिश बताया और इसकी जांच की मांग की है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने ट्वीट कर कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच हो, यह सनातन धर्म की अपूरणीय क्षति है.
'हत्या एक षड्यंत्र है'
वहीं आज तक से बातचीत में नासिक मठ के महामंडलेश्वर स्वामी संविदानंद सरस्वती ने कहा कि ये निश्चित रूप से संदिग्ध घटना है और इसमें साजिश की गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोरोना भी हुआ था लेकिन वे इस बीमारी से बाहर निकले थे, ये निश्चित रूप से एक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पुलिस केस की परतें खोलेगी और सच्चाई को सामने लाएगी.
महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि बोले- बहुत बड़ा षड्यंत्र, आरोप निराधार
स्वामी संविदानंद ने कहा कि वे जिस पद पर थे वहां कई लोग उनके पक्ष में नहीं थे, इस घटना में कुछ रहस्य है. स्वामी संविदानंद ने कहा कि उनकी महंत नरेंद्र गिरि से अच्छी बातचीत हुई थी और वे प्रसन्न मालूम पड़ रहे थे. लेकिन इस बीच की कुछ घटनाओं से वे आहत थे और इसकी जानकारी मीडिया के जरिये लोगों को भी हुई थी. वे प्रसन्न थे और इस घटना में कोई न कोई साजिश है. वे हंसमुख स्वभाव के थे, और आत्महत्या की हद तक जाने वाले कदम नहीं उठा सकते थे.
आत्महत्या नहीं कर सकते- निरंजन ज्योति
बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि उनका मन ये मानने को तैयार नहीं है कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया है. निरंजन ज्योति ने कहा कि वे आत्महत्या नहीं कर सकते हैं. पुलिस जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है, लेकिन वे आत्महत्या नहीं कर सकते हैं.
CBI जांच की मांग
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले की CBI जांच की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों मौत की खबर सुनकर वे बेहद आहत हैं. संजय सिंह ने कहा कि इस सरकार में न आम इंसान सुरक्षित है न साधु संत, इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए.