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ISI ने खड़ा किया नया 'दाऊद', ऑपरेशन समुद्रगुप्त के जरिए अब तक पकड़ी गई 40 हजार करोड़ की ड्रग्स

पिछले एक साल में इंडियन एजेंसी ने समुद्र में जितनी भी ड्रग्स पकड़ी गई उसमें से ज्यादातर कराची में बैठे इसी हाजी सलीम ने भेजी है. ऑपरेशन समुद्रगुप्त के जरिए पिछले एक साल में करीब 40 हजार करोड़ रुपये की ड्रग पकड़ी गई है.

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एनसीबी ऑपरेशन समुद्रगुप्त को नेवी और कोस्ट गार्ड की मदद से दी रही अंजाम (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एनसीबी ऑपरेशन समुद्रगुप्त को नेवी और कोस्ट गार्ड की मदद से दी रही अंजाम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ऑपरेशन समुद्रगुप्त के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अलग अलग एजेंसी के साथ मिलकर 1 साल में 40 हजार करोड़ की ड्रग्स पकड़ी है.  पाकिस्तान में बैठा हाजी सलीम ड्रग्स का सबसे बड़ा ऑपरेटिव है. हाल फिलहाल में सीज की गई ड्रग्स हाजी सलीम नाम का शख्स ही सप्लाई कर रहा था जिस पर भारतीय खुफिया एजेंसियों NIA, IB, RAW, NCB की नजर बनी हुई है.

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समुद्र के जरिए तस्करी का खेल

ड्रग्स तस्करी के इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी सामने आया है. भारत में भेजी जा रही ड्रग्स से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड को भी फंडिग मिल रही है. ऑपरेशन समुद्रगुप्त ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की पोल खोलकर रख दी है. इस ड्रग्स को समुद्र के रास्ते अलग- अलग रूट के जरिए भारत में अलग-अलग पोर्ट पर भेजा जा रहा है.

हाजी अली चला रहा है सिंडिकेट

 ISI का यह "नया दाऊद" हाजी अली अब इंडियन एजेंसी के रडार पर है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में ड्रग्स सप्लाई कर अरबों रुपये कमा रही है. आज तक/इंडिया टुडे से EXCLUSIVE बातचीत में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर, जनरल ऑपरेशन संजय सिंह ने बड़ा खुलासा किया और बताया कि फरवरी, 2022 में ऑपरेशन समुद्रगुप्त लॉन्च किया गया था जिसमें ये बात निकलकर सामने आई कि ड्रग्स ट्रैफिकिंग के लिए समुद्र का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसमें बड़े-बड़े सिंडिकेट शामिल हैं.

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2022 में लॉन्च किया गया था ऑपरेशन

संजय किशोर ने बताया, 'हमने भारतीय नौसेना और कोस्टगार्ड की मदद से ऑपरेशन शुरू किया है. पाकिस्तान, बहरीन या दुबई बेस्ड तस्करों पर नजर रखी गई. इंडियन नेवी की मदद से सबसे पहला ऑपरेशन हमने फरवरी 2022 में लांच किया था. पहली बार NCB की टीम समुद्र के अंदर गई थी और नेवी के साथ मिलकर पहली बार 7 सौ किलो ड्रग्स पकड़ा था. उसके बाद के बड़े केस देखें तो अक्टूबर 2022 में ड्रग्स पकड़ी गई. ऑपरेशन में खासियत ये है की हमने खुद का सोर्स डेवलप किया है, सोर्स के हिसाब से हम काम कर रहे हैं.'

संजय किशोर ने बताया कि जब हमने कोच्चि में ड्रग्स पकड़ा था तो उस समय हमने गहरे समुद्र में ऑपरेशन चलाया था, जिसमें 6 ईरानी पकड़े थे. उन्होंने बताया, 'हाल ही में जो ऑपरेशन चलाया गया, उसमें एक महीने तक हमारी टीम समुद्र में रही और आखिरकार हमने सफलता हासिल की. ये सबसे बड़ा सीजर इंडिया में हुआ और इसमें हमने पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा है. जो पुराने ड्रग्स की बरामदगी  हुई उसकी जांच में पता चला है कि ये सिंडिकेट पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा है. ये लोग सामान्य तौर पर  ईरानी बोट का इस्तेमाल करते हैं और मकरान कोस्ट, ग्वादर कोस्ट का प्रयोग करते हैं.'

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ऐसे देते हैं चकमा

जांच में यह बात सामने आई है कि इंडियन एजेंसी को चकमा देने के लिए तस्कर ईरानी बोट का इस्तेमाल करते हैं जबकि, ऑपरेशन सिंडिकेट पाकिस्तान से संचालित हो रहा था. कराची का रहने वाला हाजी सलीम इस पूरे गिरोह को संचालित करता है और आईएसआई को भी फंडिग करता है.

संजय किशोर ने बताया, 'हाजी सलीम तक अब तक हम नहीं पहुंच पाए हैं, हमने बहुत कोशिश की है, लेकिन इंटेलिजेंस रिपोर्ट जो है वो पाकिस्तान में हैं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने भी ये एडमिट किया है कि जो ड्रग्स मनी है वो आईएसआई को फंडिंग करने में इस्तेमाल होती है. हमने कुछ इनपुट्स मालदीव और श्रीलंका को भी शेयर किए हैं. जो ड्रग्स पकड़ी गई है इंटरनेशनल मार्केट में उसकी कीमत 40 हजार करोड़ की है.'

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