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घर से ₹7 करोड़ के Gold Coins खोद ले जाने का मामला, नार्को टेस्ट से मुकरे आरोपी पुलिसवाले; पीड़िता ने मांगी CBI जांच

Gold Coin Case: मध्य प्रदेश के चर्चित सोना सिक्का कांड में अब नया मोड़ आते दिखाई दे रहा है. आरोपी पुलिसकर्मियों ने अहमदाबाद की एक लेबोरेटरी में नार्को टेस्ट,  ब्रेन मैपिंग टेस्ट ओर पोलीग्राफ टेस्ट करवाने से मना कर दिया है. पुलिस आरोपियों को लेकर बीते 16 अक्टूबर को अहमदाबाद पहुंची थी. 

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पुलिसवालों पर सोने के सिक्के चुराने के आरोप.
पुलिसवालों पर सोने के सिक्के चुराने के आरोप.

मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के चर्चित सोना सिक्का कांड में अब नया मोड़ आते दिखाई दे रहा है. मामले के आरोपी सोंडवा थाने के तत्कालीन टीआई सहित तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों ने अहमदाबाद की एक लेबोरेटरी में नार्को टेस्ट,  ब्रेन मैपिंग टेस्ट ओर पोलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए मना कर दिया है. पुलिस आरोपियों को लेकर बीते 16 अक्टूबर को अहमदाबाद पहुंची थी. 

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इसी बीच इंदौर हाईकोर्ट ने आरोपी टीआई सहित तीन पुलिसकर्मियों की याचिका पर सुनवाई के बाद निर्णय दिया है कि अलीराजपुर पुलिस नार्को सहित अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए आरोपी पुलिसकर्मियों की सहमति लेने का प्रयास करें और सहमति होने पर ही आगे के टेस्ट करवाएं. 

एसपी अलीराजपुर राजेश‌ व्यास ने बताया कि पहले टीआई को छोड़कर तीन पुलिसकर्मियों ने नार्को-पॉलीग्राफ टेस्ट की सहमति दी थी लेकिन बाद में मुकर गए. अब हम फिर से सहमति लेने का प्रयास कर रहे हैं. 

इधर पीड़िता ने मांगी CBI जांच

इस सोना सिक्का चोरी कांड में अब पीड़िता रमकुबाई ने पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी सहित मध्यप्रदेश के गृमंत्री को एक शिकायत पत्र भेजकर पुरे मामले की जांच CBI या CID से करवाने की मांग की है. अपने शिकायती पत्र में रमकुबाई ने लिखा कि मामले में पहले दिन से ही पुलिस आरोपियों को सहयोग कर रही है. 

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पुलिस रिमांड में भी लूटे गए सोने के सिक्के नहीं बरामद कर सकी. इसके अलावा जिला जेल में पहचान परेड के दौरान में पुलिस, राजस्व और जेल विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस कोशिश मे‌ लगे रहे कि वह पहचान में विफल हो जाएं ताकि आरोपियों को‌ फायदा हो सके. 

सारे दांव-पेच जानते हैं आरोपी पुलिसवाले: पीड़िता  

अपनी शिकायत में पीड़िता रमकुबाई ने लिखा है कि आरोपी पुलिसकर्मी हैं और वो सारे दांव-पेच जानते हैं कि कैसे अपराध कर बचा जा सकता है. साथ ही स्थानीय पुलिस उनसे मिली हुई है, इसलिए उन्हें अब भरोसा नहीं है कि न्याय मिल सकेगा. इसलिए मामले की जांच अलीराजपुर जिले की पुलिस से न करवाकर अब या तो CBI को दी जाए या CID जैसी एजेंसी उनके मामले की जांच करे. तभी सिक्के वापस मिलने और दोषियों को सजा मिलने की उम्मीद होगी.  

यह है पूरा मामला

अलीराजपुर जिले के सोंडवा सोना सिक्का चोरी कांड मध्यप्रदेश के साथ ही देश बहुचर्चित अपराधों में से एक है. इसमें आरोप है कि सोंडवा थाने के तत्कालीन टीआई विजय देवड़ा ने अपने तीन अन्य पुलिसकर्मियों के साथ जाकर बैजड़ा गांव की रमकुबाई और उसके जेठ के घर से 240 ब्रिटिशकालीन यूनीक सिक्के धमकाकर ले लिया. पुलिस रोजनामचे में शराब पकड़ने के लिए बैजड़ा गांव जाना बताया गया था.

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घटना 19 जुलाई 2023 की है. मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सोडंवा थाने पर ही धारा 379 , 392 , 452 , 294 , 166 A, 420 और 409 IPC के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर के 36 दिन बाद आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी तो हुई लेकिन एक पखवाड़े के रिमांड के बावजूद पुलिस उनसे पूछताछ में न अपराध कबूल करवा सकी और न सिक्कों की बरामदगी करवा सकी. 

गौरतलब है कि पीड़िता रमकुबाई और उसके परिवार को‌ सोने के सिक्के गुजरात में मजदूरी के दौरान एक पुराने घर को तोड़ने के दौरान मिले थे. भारतीय बाजार में चोरी गए सिक्कों की कीमत करीब 1 करोड़ तो यूनिक हैरीटेज इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत 7 करोड़ रुपए के आसपास आंकी गई थी.

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