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आतंकी-गैंगस्टर नेक्सस के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, देशभर में 76 ठिकानों पर छापेमारी, हथियार भी बरामद

भारत और विदेश में मौजूद कुछ गिरोह इस तरह की आतंकी और आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिनके गैंग लीडर और सहयोगियों की पहचान अगस्त 2022 में की गई थी. तब एनआईए ने इस संबंध में 3 मामले दर्ज किए थे.

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NIA ने इस सर्च ऑपरेशन के दौरान कई ठिकानों से हथियार और नकदी भी बरामद की है
NIA ने इस सर्च ऑपरेशन के दौरान कई ठिकानों से हथियार और नकदी भी बरामद की है

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के नेक्सस का खात्मा करने के लिए कमर कस ली है. इसी कड़ी में एनआईए ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली एनसीआर में 76 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया. ये कार्रवाई भारत और विदेशों में  बैठकर नेक्सस ऑपरेट करने वालों के ठिकानों पर एक साथ की गई.

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भारत और विदेश में मौजूद कुछ गिरोह इस तरह की आतंकी और आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिनके गैंग लीडर और सहयोगियों की पहचान अगस्त 2022 में की गई थी. उस दौरान एनआईए ने इस संबंध में 3 मामले दर्ज किए थे. यह इन लोगों के खिलाफ छापे और तलाशी का 5वां दौर है. जिसमें शीर्ष गैंगस्टरों और उनके अपराधी-व्यापारिक सहयोगियों पर NIA ने शिकंजा कसा है. 

ये सभी पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में हैं. जबकि इन्हें हथियार सप्लाई करने वाले यूपी, पंजाब और दिल्ली में मौजूद हैं. ऐसे संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क के खिलाफ एनआईए ने जांच शुरू की है. हवाला नेटवर्क में शामिल इनके सहयोगियों के ठिकानों पर भी मंगलवार को छापेमारी की गई. जिसमें नकदी बरामद हुई है. 

इस अंतरराष्ट्रीय आतंकी और आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश के दौरान एनआईए ने पंजाब के लुधियाना, अबोहर, भटिंडा, मुक्तसर साहब, मोगा, लुधियाना, मोहाली, फिरोजपुर, तरनतारन, हरियाणा के रोहतक, गुरुग्राम, यमुना नगर, महेंद्रगढ़, सिरसा और झज्जर, राजस्थान के चूरू, भरतपुर और अलवर जिले, उत्तर प्रदेश के बागपत, बरेली, प्रतापगढ़, बुलंदशहर और पीलीभीत जिले और दिल्ली एनसीआर के द्वारका, बाहरी उत्तरी, मध्य और बाहरी दिल्ली समेत उत्तरी दिल्ली जिले में छापेमारी की है.

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मुक्तसर में गिद्दड़बाहा निवासी लखवीर सिंह, अबोहर में नरेश, हरियाणा में नारनौल के सुरेंद्र उर्फ चीकू, गुरुग्राम के कौशल चौधरी और अमित डागर, उत्तर प्रदेश के बागपत में सुनील राठी और उनके सप्लायर, गन हाउस, बिजनेस फ्रंटमैन, फाइनेंसर और लॉजिस्टिक सहयोगियों के घरों और परिसरों में तलाशी की कार्रवाई की गई. तलाशी के दौरान गोला-बारूद के साथ 11 पिस्टल, रिवॉल्वर, राइफल जब्त की गई हैं. इसके अलावा आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और नकदी भी जब्त की गई है. 

एजेंसी के मुताबिक इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने के लिए आगे भी जांच और कार्रवाई जारी रहेगी. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे थे. साथ ही ड्रग्स, हवाला नेटवर्क और हथियारों की तस्करी के जरिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड भी जुटा रहे थे.

हाल ही में सनसनीखेज वारदातों और जबरन वसूली की कॉल्स ने लोगों के बीच व्यापक डर पैदा कर दिया था. आपराधिक सिंडिकेट और गैंगस्टरों ने कारोबारियों, डॉक्टरों सहित पेशेवरों को इस तरह की कॉल करके दहशत पैदा की. दरअसल, ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए अपने अपराधों का प्रचार साइबर-स्पेस में कर रहे थे. 

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एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि इस तरह की आपराधिक हरकतें कोई स्थानीय घटनाएं नहीं थीं, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करी के कार्टेल और नेटवर्क के बीच एक गहरी साजिश थी, जिसे देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से संचालित किया जा रहा था.

गैंगस्टर और उनके गुर्गे भारत से भाग गए थे और अब पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि सहित कई बाहरी देशों में बैठकर काम कर रहे थे. इस तरह के मामलों में एनआईए जांच कर रही है. जिसमें महाराष्ट्र में संजय बियानी की हत्या और संदीप नंगल अम्बिया केस आदि भी शामिल है. पंजाब में यह भी पता चला कि इनमें से अधिकांश साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थीं और विदेशों में बैठा गुर्गों का एक संगठित नेटवर्क इसे अंजाम दे रहा था.

 

 

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