दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने लॉबिस्ट नीरा राडिया और उनकी बहन को 300 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. ठगी के मामले में 14 अक्टूबर को छापेमारी के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद ये समन जारी किया गया है.
दरअसल, पुलिस ने ठगी के इस मामले में तीन आरोपियों यतीश बहाल, सतीश कुमार नरूला और राहुल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ के बाद नीरा राडिया का नाम सामने आया था.
आर्थिक अपराध शाखा के एडिशनल कमिश्नर आर के सिंह के मुताबिक राजीव कुमार नाम के शख्स ने नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनी नयाती हेल्थ केयर एंड रिसर्च एनसीआर प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों जिनमें नीरा राडिया, उसकी बहन करुणा मेनन, यतीश बहाल और सतीश कुमार नरूला के खिलाफ शिकायत की थी.
गुरुग्राम में अस्पताल बनाने की योजना
शिकायत में कहा गया कि इन कंपनियों का दफ्तर खानपुर इलाके में है. कंपनी का नाम पहले OSL हेल्थकेयर था. इनका मकसद गुरुग्राम में एक अस्पताल बनाने का था. इस अस्पताल में 49 परसेंट शेयर शिकायतकर्ता के थे, जबकि 51 परसेंट शेयर इन कंपनियों से जुड़े चर्चित मिश्रा और चंदन मिश्र के थे. विम्हांस नाम से अस्पताल खोलने के लिए दोनों के बीच करार हो गया.
इसे भी क्लिक करें --- फैक्ट चेक: क्या आपको भी मिला केबीसी की ओर से 25 लाख जीतने का मैसेज? ठगों से सावधान!
एडिशनल कमिश्नर ने कहा कि शिकायतकर्ता से ये भी वादा किया गया कि हर महीने 30 लाख रुपये उसकी प्रोफेशनल फीस के तौर पर उसे दिए जाएंगे. अस्पताल के निर्माण के दौरान OSL हेल्थकेयर के लोगों ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए अपने 51 प्रतिशत शेयर नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिए. ये कंपनी नयाती हेल्थकेयर एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़ी हुई थी. ये डील 99 करोड़ रुपये में हुई.
इसके बाद इन कंपनियों के लोग सारे फैसले खुद लेने लगे और अस्पताल के निर्माण के लिए यस बैंक से 312 करोड़ रुपये का लोन ले लिया, लेकिन वहां पर इस पैसे का उपयोग निर्माण कार्य में नहीं किया गया. शिकायतकर्ता की प्रोफेशनल फीस 15 करोड़ 28 लाख रुपये भी नहीं दी गई. उसके शेयर 49 परसेंट से करीब 6 परसेंट कर दिए गए.
पूछताछ में नीरा राडिया का नाम
पुलिस ने केस दर्ज कर इस मामले की जांच की. जांच में पाया गया कि नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, नयाती हेल्थकेयर एंड रिसर्च की होल्डिंग कंपनी है और 93 परसेंट शेयर इसी के हैं. इस कंपनी की मुख्य प्रमोटर नीरा राडिया पाई गईं. इस कंपनी ने 312 करोड़ का लोन लेने के बाद 208 करोड़ रुपये अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए.
पुलिस की ओर से बताया गया कि ये डमी खाता राहुल सिंह यादव नाम के शख्स ने इन पैसों को ठिकाने लगाने के लिए खोला था. जांच में ये भी जानकारी मिली कि यतीश बहाल और एस के नरूला, अहुलवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़े हुए थे. पुलिस ने 14 अक्टूबर को छापेमारी के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि नीरा राडिया और उसकी बहन करुणा मेनन को पूछताछ के लिए बुलाया है.